Visheshan kise kahate hain?। विशेषण की परिभाषा। विशेषण के भेद। ( हिंदी व्याकरण ) Class 10th Hindi Grammar | visheshan in hindi grammar
Visheshan kise kahate hain : कक्षा 10 हिंदी व्याकरण का एक प्रमुख चैप्टर विशेषण का यहां पर महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिया गया है। ( visheshan kise kehte hain ) विशेषण किसे कहते हैं ?, विशेषण के कितने भेद हैं ?( visheshan ke kitne bhed hain ),विशेषण कितने प्रकार के होते हैं ?( visheshan kitne prakar ke hote hain ),विशेषण की परिभाषा क्या है ? ( visheshan ki paribhasha )तथा विशेषण के भेद की परिभाषा यहां पर दिया हुआ है। जो बोर्ड परीक्षा के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 1. विशेषण किसे कहते हैं ? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
उत्तर⇒जो शब्द ‘संज्ञा’ या सर्वनाम की ‘विशेषता’, ‘गुण’ और ‘धर्म’ बताए, ब उसे ‘विशेषण’ कहा जाता है। जैसे-लाल घोड़ा, उजली कमीज, अच्छा लड़काआदि । इन वाक्यों में लाल, उजली, अच्छा शब्द ‘संज्ञा’ की विशेषता बताते हैं । अतः स ये शब्द विशेषण हैं।
प्रश्न 2. विशेष्य किसे कहते हैं ? सोदाहरण स्पष्ट कीजिए।
जो शब्द ‘संज्ञा’ या ‘सर्वनाम’ की विशेषता बताते हैं, उन्हें ‘विशेषण’ कहा जाता है। ‘विशेषण’ जिस शब्द की ‘विशेषता’ बताता है, उस ‘संज्ञा’ शब्द को ‘विशेष्य’ कहा जाता है। जैसे तेज लड़का । यहाँ ‘तेज’ शब्द विशेषण है और यह ‘लड़का’ शब्द की ‘विशेषता’ बताता है। अतः, ‘लड़का’ शब्द विशेष्य हुआ।
प्रश्न 3. विशेषण के कितने भेद हैं ? सबका सोदाहरण परिचय दें।
उत्तर⇒विशेषण के सामान्यतया चार भेद माने जाते हैं-
(i) गुणवाचक विशेषण
(ii) परिमाणवाचक विशेषण
(iii) संख्यावाचक विशेषण
(iv) सार्वनामिक विशेषण
(i) गुणवाचक विशेषण – संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, प्रकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील, स्वभाव, स्वाद, गंध आदि का बोध कराने वाले शब्द. गुणवाचक विशेषण कहलाते हैं। उदाहरण –
सरल, भला, कुशल, उचित, पवित्र, साफ (गुण)।
कुटिल, जटिल, बुरा, लचर, अनुचित, गन्दा (दोष)।
गोल, चौकोर, तिकोना, लंबा, चौड़ा, ठिगना (आकार)।
लाल, पीला, नीला, मैला, उजला, गोरा (रंग)।
(ii) परिमाणवाचक विशेषण – जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की माप-तौल, परिमाण को प्रकट करते हैं, परिमाणवाचक विशेषण कहलाते हैं।
परिमाणवाचक विशेष दो प्रकार के होते हैं-
(क) निश्चित परिमाणवाचक विशेषण — किसी संज्ञा या सर्वनाम के निश्चित परिमाण का बोध कराते हैं, वे निश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं। जैसे चार लिटर दूध, एक क्विंटल गेहूँ, दस मीटर कपड़ा, दस ग्राम सोना । कभी-कभी बाद में ‘भर’ लगाने से भी निश्चित परिमाण का बोध होता है। जैसे—सेर भर ।
(ख) अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण – जिन विशेषणों से संज्ञा या । सर्वनाम के निश्चित परिमाण का ज्ञान न होकर अनिश्चित माप-तौल का ज्ञान हो, उन्हें अनिश्चित परिमाणवाचक विशेषण कहते हैं । जैसे—कुछ, बहुत, अधिक, थोड़ा, 1 तनिक, इतना, उतना, जितना, कितना, ढेर, सारा आदि । कभी-कभी इनके साथ सा-से-सी का प्रयोग भी कर दिया जाता है। जैसे-थोड़ा-सा।
(iii) संख्यावाचक विशेषण—जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का ज्ञान हो, उसे संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। चार घोड़े दौड़ते हैं; दस विद्यार्थी पढते हैं वाक्यों में ‘चार’ और ‘दस’ संख्यावाचक विशेषण हैं, क्योंकि इनसे ‘घोड़े’ तथा विद्यार्थी’ की संख्या-सम्बन्धी विशेषता का ज्ञान होता है।
संख्यावाचक विशेषण के दो भेद हैं
(क) निश्चित संख्यावाचक और (ख) अनिश्चित संख्यावाचक।
(क) निश्चित संख्यावाचक – जिस विशेषण से किसी निश्चित संख्या का बोध हो उसे निश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे-चार लडके।
(ख)अनिश्चित संख्यावाचक – अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण से संख्या का निश्चय कछ भी नहीं हो, उसे अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण कहते हैं। जैसे – थोडे लोग, कुछ लोग। बहुत-से विशेषण ऐसे भी होते हैं, जो संया परिमाणवाचक दोनों ही रूपों में प्रयुक्त होते हैं; जैसे- कुछ, सब. थोडा आदि
संख्यावाचक – कुछ रोटियाँ, सब आम ।
परिमाणवाचक – कुछ दूध, सब आटा।
(iv) सार्वनामिक विशेषण – जो ‘सर्वनाम’ शब्द ‘संज्ञा’ से पहले आकर ‘विशेषण’ का काम करते हैं, उन्हें सार्वनामिक विशेषण कहा जाता है। जैसे—यह बालक, वह विद्यालय, उस फकीर ने आदि।
* सार्वनामिक विशेषण और सर्वनाम में अन्तर –
कई जगह निश्चयवाचक सर्वनाम और सार्वनामिक विशेषण इतने समान रूप से प्रयुक्त होते हैं कि उन्हें पहचानने में भ्रम हो जाता है। ठीक पहचान के लिए ध्यान देना आवश्यक है कि यदि सर्वनाम का प्रयोग संज्ञा से पहले हुआ है, तो वह सार्वनामिक विशेषण होगा। यदि वह अकेले प्रयुक्त होगा, तो सर्वनाम कहलाएगा।
उदाहरण- वह लड़का अच्छा है। (वह – विशेषण)
वह जाएगा कहाँ ? (वह–सर्वनाम)
विशेषणों की रूप-रचना –
विशेष्य और विशेषण में सम्बन्ध – वाक्य में विशेषण का प्रयोग दो प्रकार से होता है – कभी विशेषण विशेष्य के पहले प्रयुक्त होता है और कभी विशेष्य के बाद । अतः, प्रयोग की दृष्टि से विशेषण के दो भेद हैं -विशेष्य-विशेषण और विधेय-विशेषण।
1. जो विशेषण विशेष्य के पूर्व आये, वह विशेष्य-विशेषण होता है; जैसे –
प्रमोद ‘चंचल ‘ बालक है। जया ‘सुशील’ कन्या है।
इन वाक्यों में ‘चंचल’ और ‘सुशील’ क्रमशः बालक और कन्या के विशेषण हैं। अतः, ये दोनों विशेष्य-विशेषण हैं।
2. जो विशेषण विशेष्य और क्रिया के बीच आये, उसे विधेय-विशेषण कहते हैं; जैसे –
उसकी गाय काली है। उसका लड़का आलसी है।
इनमें ‘काली’ और ‘आलसी’ विशेषण हैं, जो क्रमश: ‘गाय’ और ‘लड़का’ के बाद प्रयुक्त हुए हैं। ये दोनों विधेय-विशेषण हैं।
यहाँ ध्यान देने की अन्य बातें इस प्रकार हैं-
(क) विशेषण के लिंग, वचन आदि विशेष्य के लिंग, वचन आदि के अनुरूप होते हैं, चाहे विशेषण विशेष्य के पहले आये या पीछे । जैसे – अच्छे लड़के पढ़ते हैं। राधा भली लड़की है।
(ख) यदि एक ही विशेषण के अनेक विशेष्य हों, तो विशेषण के लिंग और वचन समीपवाले विशेष्य के लिंग, वचन के अनुसार होंगे। जैसे – नये पुरुष और नारियाँ, नयी धोती और कुरता ।
विशेषणों की रचना –
कुछ शब्द मूलतः विशेषण होते हैं तथा कुछ की रचना शब्दों में प्रत्यय, उपसर्ग आदि लगने से होती है। जैसे –
‘प्रत्यय से – चायवाला, सुखद, बलशाली, ईमानदार, नश्वर आदि ।
उपसर्ग से – दुर्बल, लापता, बेहोश, निडर आदि।
उपसर्ग – प्रत्यय दोनों के प्रयोग से—दुनाली, निकम्मा आदि ।
विशेषण कई प्रकार के शब्दों से बनते हैं-
संज्ञा से –
नागपुर | नागपुरी |
लखनऊ | लखनवी |
आदर | आदरणीय |
धन | धनी |
सर्वनाम से –
मैं | मुझ-सा |
वह | वैसा |
आप | आप-सा |
यह | ऐसा |
क्रिया से –
चलना | चालू |
भूलना | भुलक्कड़ |
भागना | भगोड़ा |
हँसना | हँसोड़ |
अव्यय से –
बाहर | बाहरी |
नीचे | निचला |
भीतर | भीतरी |
ऊपर | ऊपरी |
- आगे छात्रों की सुविधा के लिए अन्य महत्त्वपूर्ण विशेषण दिए जा रहे हैं
शब्द | विशेषण |
अध्ययन | अध्ययनीय, अध्येता |
अपमान | अपमानित |
अध्यात्म | आध्यात्मिक |
अवलम्ब | अवलम्बित |
अधर्म | अधर्मी |
आत्म | आत्मिक, आत्मीय |
अर्थ | आर्थिक |
आदि | आदिम |
अतिथि | आतिथेय |
आमोद | आमोदित |
अनुकरण | अनुकरणीय |
आयोग | आयुक्त |
अनुवाद | अनूदित, अनुवादित |
आदर | आदरणीय |
अधिकार | आधिकारिक |
अग्नि | आग्नेय |
अवरोध | अवरुद्ध |
आश्रय | आश्रित |
इच्छा | ऐच्छिक |
ईश्वर | ईश्वरीय |
उदारता | उदार |
उपासना | उपास्य |
उत्साह | उत्साहित |
ऋषि | आर्ष |
एकता | एक |
[ क वर्ग ]
शब्द | विशेषण |
कथन | कथित, कथनीय |
कपट | कपटी |
कल्पना | काल्पनिक |
काँटा | कँटीला |
कागज | कागजी |
काया | कायिक |
किताब | किताबी |
कुटुम्ब | कौटुम्बिक |
कुत्सा | कुत्सित |
कृपा | कृपालु |
क्रेय | क्रीत, क्रेय |
खतरा | खतरनाक |
खर्च | खर्चीला |
ख्याति | ख्यात |
गमन | गत : |
ग्रास | ग्रस्त |
[ च बर्ग ]
शब्द | विशेषण |
चन्द्र | चान्द्र |
चक्षु | चाक्षुष |
चरित्र | चारित्रिक |
जटा | जटिल |
जल | जलीय |
जांगल | जंगली |
झंझट | झंझटिया |
चर्वण | चर्वित, चर्वणीय |
चीनी | चीनीदार |
जवाब | जवाबी |
छबि | छजवाब |
जागरण | जागरित |
झगड़ा | झगड़ालू |
जल | जंगल |
[ ट बर्ग ]
शब्द | विशेषण |
टकसाल | टकसाली |
ठसक | ठसकदार |
डायरी | डायरीनुमा |
डंडी | डंडीमार |
ढोंग | ढोंगी |
टंकण | टकित |
ठण्ड | ठंडा |
डोरा | डोरिया |
ढलना | ढलवा |
[ त बर्ग ]
शब्द | विशेषण |
त्याग | त्याज्य, त्यागमय |
तारक | तारकित |
तालु | तालव्य |
तुष्ट | तुष्टि |
तंत्र | तांत्रिक |
थकान | थका |
दगा | दगाबाज |
तत्व | तात्त्विक |
तेज | तेजस्वी |
तंद्रा | तंद्रिल |
दया | दयालु |
[ न बर्ग ]
शब्द | विशेषण |
नमक | नमकीन |
निर्माण | निर्मित |
निसर्ग | नैसर्गिक |
निषेध | निषिद्ध |
[प-वर्ग ]
शब्द | विशेषण |
पंक | पंकिल |
पुस्तक | पुस्ताकिये |
पत्थर | पथरीला |
लालच | लालची |
भेद | भिन्न |
बाहर | बाहरी |
मानस | मानसिक |
मधु | मधुर |
[ य, र, ल, व, श, ष, स, ह – वर्ग ]
यदु | यादव |
यूरोप | यूरोपीय |
युग | युगीन |
रश्मि | रश्मिल |
रस | रसिक, रसमय, रसीला |
राष्ट्र | राष्ट्रीय |
रोम | रोमिल |
लखनऊ | लखनवी |
लिपि | लिपिबद्ध |
लालच | लालची |
वन | वन्य |
वश | वश्य |
वर्ष | वार्षिक |
शर्म | शर्मीला |
शकुन | शकुनी |
शीत | शीतल |
शोभा | शोभित |
तुलनात्मक विशोषण
तुलना अवस्था तीन प्रकार की होती है –
1. मलावस्था – इसमें किसी प्रकार की तुलना न होकर विशेष्य की सामान्य विशेषता प्रकट की जाती है। इसमें किसी दूसरी वस्तु से तुलना नहीं की जाती है। जैसे—सुन्दर, मधुर, वीर ।
ऊपर दिये गये सीमित शब्दों के रूप केवल संस्कृतनिष्ठ हिन्दी में चलते हैं। हिन्दी की प्रकृति संस्कृत से भिन्न होने के कारण सामान्यतः ‘तर’ के स्थान पर ‘से’
और ‘में’ का और ‘तम’ के स्थान पर .’ सबसे’ और ‘सबमें’ जैसे शब्दों का प्रयोग अधिक होता है । इतना ही नहीं, ‘से अधिक, ‘से ज्यादा’, ‘से भी अधिक’, ‘से कम’. ‘से भी कम’, ‘से कुछ कम’, ‘से बढ़कर’, ‘से कहीं’ जैसे प्रत्यय-पदों का भी प्रयोग होता है।जैसे –
से अधिक – हरि श्याम से अधिक बड़ा है।
से भी – अधिक हरि श्याम से भी अधिक बड़ा है।
से कहीं – वह तुमसे कहीं अच्छा है।
से बढ़कर – वह तुमसे बढ़कर है।
2. उत्तरावस्था – इसमें दो व्यक्तियों या वस्तुओं की तुलना द्वारा एक को दूसरे से अधिक या न्यून दिखाया जाता है। जैसे—मोहन श्याम से अधिक बलवान है।
ध्यान देने योग्य तथ्य है कि उत्तरावस्था में दो विशेष्य होते हैं। उनमें तलना प्रकट करने के लिए से, से बढ़कर, से घटकर, से कम, की अपेक्षा, की तूलना में, के मुकाबले, से अधिक आदि तुलनावाचक शब्दों का भी प्रयोग किया जाता है। उदाहरण-
मेरी मेज तुम्हारी मेज से काफी बड़ी है।
मोहन श्याम से बढ़कर बलवान है।
मोहन श्याम की अपेक्षा अधिक बलवान है।
मोहन श्याम की तुलना में अधिक बलवान है।
सोहन मोहन से बुरा लड़का है।
3. उत्तमावस्था – इसमें विशेषण द्वारा किसी वस्तु को सबसे अधिक गुणशाली या दोषी बताया जाता है। जैसे—हमारे कॉलेज में नरेन्द्र सबसे अच्छा खिलाडी है। ध्यान देने योग्य है कि उत्तमावस्था में सबसे अधिक, सर्वाधिक, सभी में. सभी से, सबसे आदि तुलनावाचक शब्दों का प्रयोग किया जाता है।
कुछ उदाहरण देखिए –
मोहन कक्षा के सभी बच्चों से बलवान है।
मोहन कक्षा में सबसे अधिक बलवान है।
मोहन कक्षा के बच्चों में सर्वाधिक बलवान है।
तुलनाबोधक पत्यय –
विशेषताओं की तुलना को व्यक्त करने के लिए विशेषणों के पीछे तुलनाबोधक प्रत्ययों का प्रयोग होता है। हिन्दी भाषा में संस्कृत और फारसी से आए प्रत्यय ही प्रयुक्त होते हैं। संस्कृत में उत्तरावस्था के लिए ‘तर’ और उत्तमावस्था के लिए ‘तम’ प्रत्यय का प्रयोग होता है। कुछ उदाहरण देखिए –
मूलावस्था | उत्तरावस्था | उत्तमावस्था |
प्रिय | प्रियतर | प्रियतम |
लघुतर | लघुतम | लघुतम |
निम्न | निम्नतर | निम्नतम |
बृहत् | बृहत्तर | बृहत्तम |
निकृष्ट | निकृष्टतर | निकृष्टतम |
सुन्दर | सुन्दरतर | सुन्दरतम |
महान | महत्तर | महत्तम |
प्रविशेषण
हिन्दी में कुछ विशेषणों के भी विशेषण होते हैं, इन्हें ‘प्रविशेषण’ कहते हैं; जैसे – ‘राम बहुत तेज विद्यार्थी है।’ इसमें ‘तेज’ विशेषण है और उसका भी विशेषण है ‘बहुत’।
निम्नलिखित वाक्यों में मोटें-काले अक्षरों में छपे शब्द प्रविशेषण हैं –
क्षत्रिय बड़े साहसी होते हैं।
अर्चना अत्यन्त सुन्दर है।
कश्मीरी सेब सिन्दूरी लाल होता है।
पं० कामता प्रसाद गुरु ने इसे ‘अन्तर्विशेषण’ कहा है।
बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर –
visheshan MCQ Objective Test
1. ‘लाल’ ………………. वाचक विशेषण है। रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
(A) गुण
(B) संख्या
(C) परिमाण
(D) सार्वनामिक
2. ‘धर्म’ का विशेषण होता है –
(A) धार्मिक
(B) अधार्मिक
(C) अधर्म
(D) कोई नहीं
3. जो शब्द “संज्ञा’ या सर्वनाम की विशेषता’, ‘गुण’ और ‘धर्म’ बताए, उसे कहा जाता है-
(A) संज्ञा
(B) विशेषण
(C) सर्वनाम
(D) लिंग
4. विशेषण के कितने भेद होते हैं ?
(A) दो
(B) तीन
(C) चार
(D) पाँच
5. संज्ञा या सर्वनाम के गुण, दोष, रूप, रंग, आकार, प्रकार, स्थान, काल, दशा, स्थिति, शील, स्वभाव, स्वाद, गंध आदि का बोध कराने वाले शब्द कहलाते हैं
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
6. जिस शब्द की विशेषता’ बताता है, उस “संज्ञा’ शब्द को कहा जाता है –
(A) संज्ञा
(B) विशेषण
(C) सर्वनाम
(D) विशेष्य
7. जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की माप-तौल, परिमाण को पकट करने कहलाते हैं-
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
8. जिस विशेषण से संज्ञा या सर्वनाम की संख्या का ज्ञान हो, उसे कहते हैं-
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
9. ‘भला आदमी’ में कौन विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
10. ‘गोरा गाल’ में कौन विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
11. जो ‘सर्वनाम’ शब्द “संज्ञा’ से पहले आकर ‘विशेषण’ का काम करते हैं, उन्हें कहा जाता है-
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
12. “चार लीटर दूध’ कौन विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
13. ‘सेर भर अनाज’ कौन विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
14. “चार लड़के कौन विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
15. ‘कुछ आदमी’ कौन विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
16. ‘कछ लड़के खेल रहे हैं।’ यहाँ रेखांकित शब्द का विशेषण बताएँ-
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
17. “चमचमाती’ कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
18. ‘इस’ कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
19. “सौ-डेढ़-सौ’ कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
20. “रुचि’ का विशेषण निम्नांकित में कौन है ?
(A) रूचि
(B) रूचिका
(C) रुचिकर
(D) कोई नहीं
21. ‘दासता’ का विशेषण निम्नांकित में कौन है ?
(A) दास
(B) दासता
(C) दासु
(D) कोई नहीं
22. ‘धुंधली’ कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमापावाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
23. “कितना’ कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिकः विशेषण
24. “स्वर्गीय’ कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक विशेषण
(B) परिमाणवाचक विशेषण
(C) संख्यावाचक विशेषण
(D) सार्वनामिक विशेषण
25. प्रमोद चंचल बालक है। इसमें से विशेषण चनें-
(A) प्रमोद
(B) बालक
(C) चंचल
(D) है
26. ‘नगर’ का विशेषण निम्नांकित में कौन है ?
(A) नागरिक
(B) नागा
(C) नगर
(D) कोई नहीं
27. “चलना’ क्रिया का विशेषण निम्नांकित में कौन है ?
(A) चाल
(B) चालू
(C) चलना
(D) कोई नहीं
28. ‘बाहर’ अव्यय का चिशेषण निम्नांकित में कौन है ?
(A) बाहर
(B) बाह
(C) बाहरी
(D) कोई नहीं
29. मीठा आम में ‘मीठा’ शब्द क्या है ?
(A) संज्ञा
(B) सर्वनाम
(C) विशेषण
(D) क्रिया
30. “पाँच घोड़े’ में पाँच शब्द कौन-सा विशेषण है ?
(A) गुणवाचक
(B) संख्यावाचक
(C) परिमाणवाचक
(D) सार्वनामिक
31. मोहन ……………….. चतुर है। रिक्त स्थानों की पूर्ति करें ।
(A) तेज
(B) बहुत
(C) बहुतेरे
(D) बाधित
32. मोहन अब ……………….. स्वस्थ है। रिक्त स्थानों की पूर्ति करें –
(A) पूर्ण
(B) बहुत
(C) बहुतेरे
(D) तेज
33. “परिवार’ का विशेषण होता है –
(A) पाशविक
(B) पार्थी
(C) पौराणिक
(D) पारिवारिक
34. ‘दर्शन’ का विशेषण है-
(A) दार्शनिक
(B) दर्शन
(C) दया
(D) कोई नहीं
35. ‘जल’ का विशेषण होता है-
(A) पानी
(B) जलीय
(C) जल :
(D) कोई नहीं
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