6. वैश्वीकरण ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
1. वैशवीकरण के पाँच मुख्य अंग कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :- वैशवीकरण के पाँच मुख्य अंग हैं व्यवसाय एवं व्यापार संबंधी अवरोधों की कमी पँजी का निर्बाध प्रवाह, प्रौद्योगिकी का निर्बाध प्रवाह, श्रम का निर्बाध प्रवाह तथा पूँजी की पूर्ण परिवर्तनशीलता।
2. वैशवीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- वैशवीकरण वह प्रक्रिया है जिसके माध्यम से विश्व की विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं का एकीकरण होता है। इसके परिणामस्वरूप वस्तुओं एवं सेवाओं, पौद्योगिकी, पूँजी और श्रम का निर्बाध प्रवाह संभव हो पाता है। इसके अंतर्गत बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ विदेशों में पूँजी निवेश करके वस्तुओं का उत्पादन शुरू करती हैं तथा विभिन्न प्रकार की सेवाएँ उपलब्ध कराती हैं।
3. वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कौन-कौन से कारक हैं ?
उत्तर :- वैश्वीकरण को संभव बनाने वाले कारक हैं—प्रौद्योगिकी में प्रगति, विदेश व्यापार तथा विदेशी निवेशों का उदारीकरण।
4. वैश्वीकरण उदारीकरण तथा निजीकरण की नीतियों का परिणाम है, कैसे ?
उत्तर :- उदारीकरण का अर्थ सरकार द्वारा लगाए गए सभी अनावश्यक नियंत्रणों तथा प्रतिबन्धों को हटाना है एवं निजीकरण का अर्थ निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्ण रूप से या आंशिक रूप से स्वामित्व प्राप्त करना है। – उदारीकरण तथा निजीकरण के कारण ही वैश्वीकरण के अन्तर्गत विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं एवं सेवाओं, पूँजी और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है।
5. न्याय संगत वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- न्याय संगत वैश्वीकरण का अर्थ है, बिना भेदभाव किए विश्व की सभी अर्थव्यवस्था को समान रूप से बढ़ने का अवसर। इसमें सिर्फ विकसित अर्थव्यवस्था के नीतियों को समर्थन न करके विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था को भी विकास का समान अवसर प्रदान करना।
6. निजीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- निजीकरण का अर्थ है, निजी क्षेत्र द्वारा सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों पर पूर्णतः अथवा आंशिक स्वामित्व प्राप्त करना तथा उनका प्रबंधन करना। आर्थिक सुधारों के अंतर्गत भारत सरकार ने सन् 1991 में इस नीति की शुरुआत की थी।
7. उदारीकरण को परिभाषित करें ?
उत्तर :- उदारीकरण का अर्थ है सरकार द्वारा बनाई गई आर्थिक नीतियों में विशेष छुट प्रदान करना।
इसके अंतर्गत सभी अनावश्यक नियंत्रणों एवं प्रतिबंधों जैसे परमिट, कोटा लाइसेंस आदि से अर्थव्यवस्था की मुक्ति।
8. आर्थिक सुधारों या नई आर्थिक नीति की तीन विशेषताएँ लिखें ?
उत्तर :- आर्थिक सुधारों या नई आर्थिक नीति की निम्न विशेषताएँ हैं –
(i) इससे भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में शामिल किया गया।
(ii) उदारीकरण, निजीकरण एवं वैश्वीकरण को बढ़ावा दिया गया।
(iii) एकाधिकार कानून से. उद्योगों को मुक्त कर दिया गया।
9. बाह्य-स्त्रोतिकरण किसे कहते हैं ?
उत्तर :- बाह्य-स्त्रोतिकरण वह प्रक्रिया है, जिसमें कोई देश अपने देश के रोजगार को बाहर स्थानांतरित करके कार्य को संपन्न कराता है जैसे—कॉलसेंटर जो भारत में स्थित होकर भी अमेरिकी कंपनियों का कार्य कर रहा माध-स्त्रोतिकरण का सबसे ज्यादा लाभ भारत एवं चीन को मिला है जहाँ पर श्रमशक्ति अपेक्षाकत सस्ती है।
10. निवेश का क्या अर्थ है ?
उत्तर :- अर्थशास्त्र में परिसंपत्तियों जैसे-भूमि, भवन, मशीन एवं अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा निवेश कहलाती है।
11. विश्व व्यापार संगठन क्या है ?
उत्तर :- यह विश्व व्यापार को उदार बनाने के उद्देश्य से बनाई गयी एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है। यह संस्था विश्व व्यापार से संबंधित नियमों को निर्धारित करती है। व्यापार विवाद का निबटारा इस संगठन के द्वारा ही होता है।
12. विश्व व्यापार संगठन कब और क्यों स्थापित किया गया ?
उत्तर :- विश्व व्यापार संगठन (WTO)की स्थापना 1995 में हुई। द्वितीय महायुद्ध के समय विश्व के प्रायः सभी देशों में विदेशी व्यापार पर कई प्रकार के कारण अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का क्षेत्र क्रमश: संकुचित होता जा रहा था। अतः, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए 1947 में जेनेवा सम्मेलन में एक समझौता हुआ। यह समझौता ही ‘सामान्य प्रशुल्क एवं व्यापार समझौता’ (GATT) कहा जाता है। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य व्यापारिक प्रतिबंधों को कम करना है।
13. भारत में सन् 1991 के आर्थिक सुधारों से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- भारत में सन् 1991 की आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया कुशलता, उत्पादकता, लाभदायकता एवं प्रतियोगिता की शक्ति के स्तरों में वृद्धि करने की दू दूष्टिकोण से की गयी थी। ये सुधार उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण की नीतियों पर आधारित हैं। अतः इसे एल० पी० जी० के नाम से भी जाना जाता है। सन् 1991 की यह प्रक्रिया नई आर्थिक नीति के नाम से भी जानी जाती है।
14. उदारीकरण का सबसे बड़ा दोष क्या है ?
उत्तर :- उदारीकरण से एकाधिकार की वृद्धि हो रही है और इससे आथिक असमानताएँ भी बढ़ी हैं। उदारीकरण के बाद सामाजिक कल्याण की भी उपेक्षा की जा रही है।
15. बैंको मिलनोवीक ने वैश्वीकरण को किस प्रकार परिभाषित किया है ?
उत्तर :- बैंको मिलनोवीक के अनुसार “वैश्वीकरण का अर्थ पूँजी, वस्तु, प्रौद्योगिकी एवं लोगों के विचार का स्वतंत्र प्रवाह होता है।
16. विदेश व्यापार विश्व के बाजारों को कैसे जोड़ता है ?
उत्तर :- विदेश व्यापार के कारण बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक देश से दूसरे देश में व्यापार सम्पन्न करती है। विदेश व्यापार के द्वारा किसी एक देश द्वारा निर्मित माल विदेश के बाजार में पहुँचकर अपनी हिस्सेदारी को निभाता है। फलस्वरूप विदेशी व्यापार के कारण विश्व के बाजार एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं।
17. प्रौद्योगिकी में प्रगति ने वैश्वीकरण को कैसे संभव बनाया ?
उत्तर :- प्रौद्योगिकी का अभिप्राय यह होता है कि किसी असंसाधित वस्तु को संसाधित रूप में परिणत करना। इस संदर्भ में उत्पादन में आई क्रांति ने अर्थव्यवस्था को एक नये मोड़ पर लाकर खड़ा किया। यहाँ से एक नयापन का दौर प्रारम्भ हो गया। फलतः प्रौद्योगिकी ने वैश्वीकरण की अवधारणा को जन्म दिया।
18. व्यापार अवरोधक से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- सरकार द्वारा तैयार की गई नीतियों में वे सभी प्रतिबंध जो व्यापार के निर्बाध प्रसार में समस्या उत्पन्न करते हैं, व्यापार अवरोध कहलाते हैं।
19. विदेशी निवेश का क्या अभिप्राय (उद्देश्य) है ?
उत्तर :- विदेशी निवेशों का अभिप्राय है बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा किए गए निवेश, जिनका मुख्य उद्देश्य होता है अधिक-से-अधिक लाभ की प्राप्ति।
20. एल० पी० जी० (LPG) की नीति क्या है ?
उत्तर :- यह अंग्रेजी भाषा के लिबरलाइजेशन, प्राईवेटाइजेशन तथा ग्लोबलाइजेशन शब्दों से मिल कर बना है। इसमें आर्थिक सुधार के लिए देश की आर्थिक नीति में उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण का समावेश किया गया था।
21. किस अर्थशास्त्री ने उदार आर्थिक नीति का समर्थन किया था ?
उत्तर :- एडम स्मिथ उदार आर्थिक नीति के समर्थक थे।
22. बिहार लोक सेवाओं का अधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- लोक सेवाओं का अधिकार का अर्थ है बिहार सरकार अपने राज्य के आम नागरिकों को बिना किसी परेशानी के नियत समय सीमा के अंदर सरकारी सेवाएँ उपलब्ध कराएगी।
इसकी निम्नलिखित विशेषताएँ हैं
(i) महत्त्वपूर्ण सेवाएँ नियत समय पर।
(ii) प्रशासन में उत्तरदायित्व और पारदर्शिता।
(iii) समय सीमा में सेवा प्राप्त नहीं होने पर दो स्तरों पर अपील, सुनवाई एवं सेवा प्राप्त करने का अवसर।
(iv) आवेदन जमा कर, पावती देने का प्रावधान यानी कार्य का होना निशिचत हो जाए
23. मॉल अथवा शॉपिंग मॉल क्या है ?
उत्तर :- शहरों में एक ही छत के नीचे उपभोग की सारी वस्तुआ का सच कराई जाती है, इस प्रकार एक विशालकाय दूकान का सूजन हो जाता है ; इसे मॉल अथवा शॉपिंग मॉल के नाम से जाना जाता है। यह उपभोक्ताओं को बहुत आकर्षित करता है क्योंकि वस्तु का गुणवत्ता एंव आकर्षक उपहारों को उसमें शामिल किया जाता है, जो उन्हें संतूष्टि प्रदान करता है।
Geography ( भूगोल ) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | भारत : संसाधन एवं उपयोग |
2 | कृषि ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
3 | निर्माण उद्योग ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
4 | परिवहन, संचार एवं व्यापार |
5 | बिहार : कृषि एवं वन संसाधन |
6 | मानचित्र अध्ययन ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
History ( इतिहास ) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | यूरोप में राष्ट्रवाद |
2 | समाजवाद एवं साम्यवाद |
3 | हिंद-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन |
4 | भारत में राष्ट्रवाद |
5 | अर्थव्यवस्था और आजीविका |
6 | शहरीकरण एवं शहरी जीवन |
7 | व्यापार और भूमंडलीकरण |
8 | प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद |
Political Science लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी |
2 | सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली |
3 | लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष |
4 | लोकतंत्र की उपलब्धियाँ |
5 | लोकतंत्र की चुनौतियाँ |
Economics ( अर्थशास्त्र ) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास |
2 | राज्य एवं राष्ट्र की आय |
3 | मुद्रा, बचत एवं साख |
4 | हमारी वित्तीय संस्थाएँ |
5 | रोजगार एवं सेवाएँ |
6 | वैश्वीकरण ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
7 | उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण |
Aapda Prabandhan Subjective 2022
1 | प्राकृतिक आपदा : एक परिचय |