4. आनुवंशिकता एवं जैव विकास ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
1. आनुवंशिकी से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ जीवविज्ञान की वह शाखा जिसके अंतर्गत संतति में जाने वाले लक्षण का अध्ययन करते हैं, आनुवंशिकी कहलाता है।
2. आनुवंशिक गुण से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ प्रकृति में कोई भी दो जीव बिलकुल एक समान नहीं होते हैं। इनमें कुछ-न-कुछ असमानताएँ अवश्य होती हैं। जीवों में विभिन्नताओं की अधिकता के फलस्वरूप जीवन के लिए संघर्ष शुरू हो जाता है। जीवन के लिए संघर्ष में वही जीव योग्यतम होते हैं जो सबसे अधिक योग्य गुणों वाले होते हैं, अर्थात् शक्तिशाली होते हैं। अयोग्य गुणों वाले जीव नष्ट हो जाते हैं। प्राकृतिक चुनाव द्वारा प्राप्त जीवों की उपयोगी भिन्नताएँ फिर दूसरी पीढ़ी में, उनके संतानों में वंशागत होती है। इस तरह ये भिन्नताएँ पीढ़ी दर पीढ़ी वंशागत होती हैं। यही आनुवंशिक गुण हैं।
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3. जैव विकास किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ ‘जीवविज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवों की उत्पत्ति तथा उसके पूर्वजों का इतिहास तथा समय समय पर उनमें हुए क्रमिक परिवर्तनों का अध्ययन किया जाता हैं, जैव विकास कहलाता है ।
4. जैव विकास तथा वर्गीकरण का अध्ययन क्षेत्र किस प्रकार परस्पर संबंधित है ?
उत्तर ⇒ जीवों में वर्गीकरण का अध्ययन उनमें विद्यमान समानताओं और भेदों के आधार पर किया जाता है। उनमें समानता इसलिए प्रकट होती है कि वे किसी समान पूर्वज से उत्पन्न हुए हैं और उनमें भिन्नता विभिन्न प्रकार के पर्यावरणों में की जानेवाली अनुकूलता के कारण से है। उनमें बढ़ती जटिलता को जैव विकास के उत्तरोत्तर क्रमिक आधार पर स्थापित कर अंतसंबंधों का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।
5. जीवों में उत्परिवर्तन का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर ⇒ जीवों में उत्परिवर्तन का मुख्य कारण आनुवंशिक विभिन्नता है। यह अर्द्धसूत्री विभाजन के समय होता है, जो नई जाति के विकास में अहम भूमिका निभाता है।
6. हम अपने माता-पिता के समान क्यों होते हैं ?
उत्तर ⇒ प्रत्येक जीव में बहुत से ऐसे गण होते हैं जो पीढी दर पीढ़ी माता-पिता अर्थात् जनकों से उनके संतानों में संचरित होते रहते हैं। ऐसे गुणों को आनुवंशिक गुण या पैतृक गुण कहते हैं। इन्हीं गुणों के कारण हम अपने माता-पिता के समान होते हैं।
7. डार्विनवाद के बारे में बताएँ।
उत्तर ⇒ चार्ल्स डार्विन के अनुसार प्रत्येक जीव में प्रजनन की असीम क्षमता होती है, पर पृथ्वी पर भोजन एवं आवास नियत है। अतः जीवों में अपने अस्तित्व
को बचाने के लिए आपस में संघर्ष होता है।
8. जंतु वर्गीकरण के विभिन्न स्तरों का नाम लिखें।
उत्तर ⇒ जंतु वर्गीकरण के विभिन्न स्तरों के नाम निम्नलिखित हैं –
जगत (kingdom), उपजगत (subkingdom), फाइलम (phylum) या डिवीजन (division), वर्ग (class), गण (order), कुल (family), वंश (genus) तथा जाति (species)।
इस पदानुक्रम में जीवों के वर्गीकरण का आधार उनके गुणों में समानता तथा असमानता है ।
9. उपार्जित लक्षण क्या है ?
उत्तर ⇒ परिवर्तित वातावरण के कारण जीवों के अंगों का उपयोग ज्यादा या कम का उपयोग अधिक होता है वे अधिक विकसित हो जाते हैं तथा जिनका उपयोग नहीं होता है उनका धीरे-धीरे हास हो जाता है । वातावरण के सीधे प्रभाव से या अंगों के कम या अधिक उपयोग के कारण जंतु के शरीर में जो परिवर्तन होते हैं, उन्हें उपार्जित लक्षण (acquired character) कहते हैं।
10. पक्षियों का विकास डायनोसौर से क्यों माना जाता है ?
उत्तर ⇒ डायनासौर सरीसृप थे। उनके विभिन्न जीवाश्मों में अस्थियों के साथ पंखों की छाप भी स्पष्ट रूप से मिलती है। तब शायद वे सब इन पंखों की सहायता से उड़ नहीं पाते होंगे पर बाद में पक्षियों ने पंखों से उड़ना सीख लिया होगा। इसलिए पक्षियों की डायनोसौर से सर्बोधत मान लिया जाता है।
11. मेंडल के मटर के पौधों पर प्रयोग से क्या परिणाम निकला ?
उत्तर ⇒ मेंडल के मटर के पौधों पर किए प्रयोग से निम्नलिखित परिणाम निकलें –
(i) पौधों में लक्षण कुछ इकाइयों द्वारा नियंत्रित होते हैं। उन्हें कारक कहा जाता है। प्रत्येक लक्षण के लिए युग्मक में एक कारक होता है, जैसे लंबाई, फूल का रंग।
(ii) एक लक्षण को दो कारकों द्वारा ही व्यक्त किया जाता है, जैसे TT या tt.
12. मेंडल ने किन सात लक्षणों पर अपना प्रयोग किया था ?
उत्तर ⇒ मेंडल ने मटर के पौधे पर अपना प्रयोग किया था, जिनमें निम्न लक्षण को चुना गया था –
(i) पौधे की लंबाई
(ii) पुष्प का रंग
(iii) बीज का आकार
(iv) बीज का रंग
(v) फल का आकार
(vi) फल का रंग
(vii) फल की आकृति
13. मेंडल की सफलता का मुख्य कारण क्या है ?
उत्तर ⇒ मेंडल की सफलता का मुख्य कारण है कि उन्होंने मटर के पौधे पर प्रयोग किया था, जिसमें विभिन्न रंग एवं प्रकार के पुष्प होते हैं। इसके सारे क्रोमोसोम एक दूसरे से दूर स्थित थे, जिसके कारण मिश्रित नहीं हो पाते थे।
14. मेंडल का स्वतंत्र विन्यास का नियम (Mendels’s law of independent assortment) क्या है ?
उत्तर ⇒ मंडल का स्वतंत्र विन्यास का नियम (Mendels law of independent assortment) के अंतर्गत एक आनुवंशिक लक्षण का प्रभावी गुण दूसरे के प्रभावी गुण से ही नहीं, बल्कि अप्रभावी गुण से भी मिल सकता है। इसी प्रकार, एक का अप्रभावी गुण दूसरे के अप्रभावी गुण से ही नहीं, बल्कि प्रभावी गुण से भी मिल सकता है।
15. जीनप्ररूप या जीनोटाइप किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ किसी जीव की जीनी संरचना (genetic coustitution) उस जीव का जीन प्ररूप या जीनोटाइप (genotype) कहलाता है । जीवों के गुणों (जैसे-शारीरिक गठन, लंबाई, त्वचा एवं बालों का रंग इत्यादि) का निर्धारण उनके जीन प्ररूपों के कारण ही होता है । जीन प्ररूप के कारण प्रकट होनेवाले गुणों की नींव का निर्धारण जनकों (माता-पिता) के युग्मकों के संयोजन के समय ही हो जाता है।
16. आण्विक जातिवृत्त क्या है ?
उत्तर ⇒ मानव सहित विभिन्न जीवों के पूर्वजों की खोज उनके DNA में हुए परिवर्तन का अध्ययन कर किया जा सकता है | DNA में परिवर्तन का अर्थ उसके प्रोटीन अनुक्रम (protein sequence) में परिवर्तन से है । DNA अनुक्रम (DNA sequence) के तुलनात्मक अध्ययन द्वारा किसी जीव के पूर्वजों की खोज आण्विक
जातिवृत्त (Imolecular phylogeny) कहलाता है।
17. वे कौन-से विभिन्न तरीके हैं जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है।
उत्तर ⇒ वे विभिन्न तरीके जिनके द्वारा एक विशेष लक्षण वाले व्यष्टि जीवों की संख्या समष्टि में बढ़ सकती है, निम्नलिखित हैं –
(i) जीन कोश के कुछ जीन में वातावरणीय कारणों से कुछ बदलाव आ सकता है।
(ii) दूसरी स्थिति में आनुवंशिक विभिन्नता हो सकती है।
(iii) तीसरी स्थिति में आनुवंशिक विचलन (genetic drift -जीन की बारंबारता में निरुद्देश्य होनेवाला परिवर्तन) ।
18. क्रोमोसोम से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ नाभिक के अंदर क्रोमेटिन के धागे पाए जाते हैं, जो कोशिका विभाजन के समय संघनित होकर क्रोमोसोम का निर्माण करते हैं ।
19. जीन क्या है ? कोशिका में इसका उपस्थिति स्थल कहाँ है ?
उत्तर ⇒ सभी गणों का जनकों से अपनी संतति में संचरण का माध्यम जीन है। कोशिका में यह गुणसूत्र पर केंद्रक के अंदर पाया जाता है ।
20. विभिन्नता से क्या समझते हैं ?
उत्तर ⇒ वैसी विभिन्नताएँ जो गुणसूत्र या जीन के गुणों में विभिन्नता के कारण उत्पन्न नहीं होती है, वरन अन्य कारण जैसे जलवायु एवं वातावरण से उत्पन्न होती है कायिक विभिन्नता कहलाता है ।
21. वे कौन से कारक हैं जो नयी स्पीशीज के उद्भव में सहायक हैं ?
उत्तर ⇒ नई स्पीशीज के उद्भव में वर्तमान स्पीशीज के सदस्यों का परिवर्तनशील पर्यावरण में जीवित बने रहना है । इन सदस्यों को नये पर्यावरण में जीवित रहने
बाह्य लक्षणों में परिवर्तन करना पड़ता है । अत: भावी पीढ़ी के सदस्यों म.शारारिक लक्षणों में परिवर्तन दिखाई देने लगते हैं जो संभोग क्रिया के द्वारा अगली पढ़िी में हस्तांतरित हो जाते हैं परंतु यदि दुसरी कॉलोनी के नर एवं मादा जीव वर्तमान पयावरण में संभोग करेंगे तब उत्पन्न होने वाली पीढी के सदस्य जीवित नहीं रह सकेंगे
22. लिंग-क्रोमोसोम किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ मनुष्य में 23 जोडे क्रोमोसोम होते हैं । इनमें 22 जोडे क्रोमोसोम एक ही प्रकार के होते हैं, जिसे ऑटोसोम (autosomes) कहते हैं । तेईसवाँ जोडा भिन्न आकार का होता है. जिसे लिंग क्रोमोसोम (sex chromosomes) कहते है । यह दी प्रकार के होते हैं-X और Y, Y कोमोसोम लंबा और छड़ के आकार का (rod shaped) होता है, Y क्रोमोसोम अपेक्षाकृत बहुत छोटे आकार का होता है । नर में X और Y दोनों लिंग-क्रोमोसोम मौजूद होते हैं, पर मादा में Y क्रोमोसोम अनुपस्थित होता है । उसके स्थान पर एक और X क्रोमोसोम होता है अर्थात मादा में दोनों X क्रोमोसोम होते हैं । ये X और Y क्रोमोसोम ही मनुष्य में लिंग-निर्धारण (sex determination) के लिए उत्तरदायी (responsible) होते हैं।
23. गुणसूत्र का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाइए।
उत्तर ⇒ एक गुणसूत्र में एक या दो क्रोमेटिड होते हैं, जो सेन्ट्रोमियर से जुड़े होते हैं। गुणसूत्र DNA से बना होता है।
24. जेनेटिक्स (genetics) या आनुवंशिकी किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ जेनेटिक्स (genetics) या आनुवंशिकी, आनुवंशिकी एवं विभिन्नता का अध्ययन है जो कि जीवविज्ञान की एक विशेष शाखा के अंतर्गत होता है।
25. जीन कोश क्या है ?
उत्तर ⇒ किसी भी प्रजाति विशेष के एक समष्टि या आबादी में स्थित समस्त * जीन उस आबादी का जीन कोश (gene pool) कहलाता है ।जीन कोश के कुछ जीन में वातावरणीय कारणों से कुछ बदलाव आ सकला है । जीन में होनेवाले ऐसे चयनित बदलाव पीढ़ी-दर-पीढ़ी वंशागत होते रहते हैं ।
26. बाघों की संख्या में कमी आनुवंशिकता के दृष्टिकोण से चिंता का विषय क्यों है ?
उत्तर ⇒ पर्यावरण परिवर्तन में प्रतिकूलता ही बाघों की संख्या में कमी का मुख्य कारण है । जनन के कारण लक्षण प्रतिकूल वातावरण में भी यथावत् रहते हैं । परंतु अगर पर्यावरण व वातावरण बाघों के लिए अनुकूल न रहा हो और इस पर ध्यान न दिया गया तो इन्हें समाप्त होने या नष्ट होने से कोई नहीं बचा सकता।
27. जाति उद्भवन से क्या समझते हैं ? इसका क्या कारण है ?
उत्तर ⇒ नई प्रजातियों का निर्माण जाति उद्भवन कहलाता है। लैंगिक जनन करन वाले जीवों में अंत: प्रजनन, आनुवंशिक विचलन तथा प्राकृतिक चुनाव के द्वारा जाति उद्भवन होता है।
28. प्रभावी व अप्रभावी लक्षण किसे कहते हैं ?
उत्तर ⇒ लैंगिक जनन वाले जीवों में एक अभिलक्षण (Trait) के जीन के दो प्रतिरूप (copies) होते हैं । इन प्रतिरूपों के एकसमान न होने की स्थिति में जो भिलक्षण व्यक्त होता है उसे प्रभावी लक्षण तथा अन्य को अप्रभावी लक्षण कहते हैं।
29. क्या भौतिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति-उद्भव का प्रमुख कारक हो सकता है ? क्यों या क्यों नहीं ?
उत्तर ⇒ भौतिक पृथक्करण अलैंगिक जनन वाले जीवों के जाति-उदभव का प्रमुख कारक है, विशेषकर अलैंगिक जनन कर रहे पादपों में । एक जीवधारी भौतिक परिस्थितियों में जीवित रहता है परंतु कुछ जीवधारी यदि निकटवर्ती भौगोलिक पर्यावरण में विस्थापित हो जाते हैं जिनमें विभिन्न भौतिक परिवर्तनीय लक्षण हों तो वे जीवित नहीं रहेंगे । यदि जीवित रह रहे जीवधारियों में अलैंगिक जनन होता है और फिर वे अन्य पर्यावरण में विस्थापित होते हैं तो वे भी भिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में जीवित नहीं रह पायेंगे।
30. क्या एक तितली और चमगादड़ के पंखों को समजात अंग कहा जा सकता है । क्यों ? अथवा क्यो नही ?
उत्तर ⇒ एक तितली और चमगादड के पंखों को समजात अंग नहीं कहा जा सकता । हालांकि तितली तथा पक्षी (चमगादड़) के पंख (wings) उड़ने का कार्य करते हैं, परंतु इनकी मूल संरचना और उत्पत्ति अलग-अलग प्रकार की होती है । चमगादड़ के पंख में अस्थियाँ, त्वचा तथा पर (feathers) होते हैं, जबकि तितली या अन्य कीटों के पंख क्यूटिकल के परत से ढंके होते हैं तथा इनमें कुछ तंत्रिकीय पेशियाँ होती हैं।
31. यदि एक लक्षण (trait) A अलैंगिक प्रजनन वाली समष्टि के 10% सदस्यों में पाया जाता है तथा B उसी समष्टि में 90% जीवों में पाया जाता है, तो कौन-सा लक्षण पहले उत्पन्न होगा, और क्यों ?
उत्तर ⇒ अलैंगिक जनन के अन्तर्गत पीढ़ी-दर-पीढ़ी आपस में बहुत अधिक समानताएँ होती हैं। उनमें आपस में बहुत कम अन्तर होता है। इसी आधार पर जो लक्षण अधिक प्रतिशत मात्रा में समष्टि के सदस्यों में उपस्थित है वह लक्षण पहले भी उत्तेजित रहा होगा । अतः लक्षण B जो समष्टि 90% जीवों में है पहले उत्पन्न हुआ होगा।
32. संतति में नर तथा मादा जनकों द्वारा आनुवंशिक योगदान में बराबर की भागीदारी किस प्रकार सुनिश्चित की जाती है ?
उत्तर ⇒ एक स्पीशीज के प्रत्येक सदस्य की कोशिका में गुणसूत्रों की संख्या शुमान होती है । लैंगिक प्रजनन में प्रत्येक गुणसूत्र दो समान लंबाई वाले भागों में र जाता है । प्रत्येक क्रोमेटिड कहलाता है । हर क्रोमेटिड लैंगिक प्रजनन में सक्रिय ग लेता है जिन्हें नर तथा मादा युग्मक कहते हैं । केवल एक युग्मक ही लैंगिक में भाग नहीं ले सकता । अत: नर तथा मादा पिताओं के युग्मक लैंगिक जनन में सक्रिय भाग लेते हैं तथा आनुवंशिकता सुनिश्चित होती है।
S.N | Physics ( भौतिक विज्ञान ) लघु उत्तरीय प्रश्न |
1 | प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन |
2 | मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार |
3 | विधुत धारा |
4 | विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव |
5 | ऊर्जा के स्रोत |
S.N | Chemistry ( रसायन विज्ञान ) लघु उत्तरीय प्रश्न |
1 | रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण |
2 | अम्ल क्षार एवं लवण |
3 | धातु एवं अधातु |
4 | कार्बन और उसके यौगिक |
5 | तत्वों का वर्गीकरण |
S.N | Biology ( जीव विज्ञान ) लघु उत्तरीय प्रश्न |
1 | जैव प्रक्रम |
2 | नियंत्रण एवं समन्वय |
3 | जीव जनन कैसे करते हैं |
4 | अनुवांशिकता एवं जैव विकास |
5 | हमारा पर्यावरण |
6 | प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन |