नियंत्रण एवं समन्वय ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) Niyantran evam samanvay ka question answer class 10th science question answer Bihar board Matric exam 2022
Niyantran evam samanvay : नियंत्रण एवं समन्वय लघु उत्तरीय प्रश्न तथा दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ( niyantran evam samanvay ka question answer ) इस वेबसाइट पर दिया हुआ है। जो मैट्रिक परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और नियंत्रण एवं समन्वय पाठ का ऑब्जेक्टिव प्रश्न ( niyantran evam samanvay class 10 ) भी यहां से पढ़ सकते हैं और उसको डाउनलोड भी कर सकते हैं।
1. जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा व्यतिरेक (contrast) कीजिये।
उत्तर ⇒ जतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हॉर्मोन क्रियाविधि तुलना
तंत्रिका क्रियाविधि | हॉर्मोन क्रियाविधि |
(i) एक एक्सॉन के अंत में विधुत आवेग का परिणाम है जो कुछ रसायनों का विमोचन कराता है। | (i) यह रक्त द्वारा भेजा गया रासायनिक संदेश है |
(ii) सूचना अति तीव्र गति से आगे बढ़ती है | (ii) सूचना धीरे-धीरे गति करती है। |
(iii) सूचना विशिष्ट एक या अनेक तंत्र कोशिकाओं, न्यूरॉनों आदि को प्राप्त होती है। | (iii) सूचना सारे शरीर को रक्त के माध्यम से प्राप्त हो जाती है जिसे कोई विशेष कोशिका या तंत्रों स्वयं प्राप्त कर लेता है। |
(iv) इसे उत्तर शीघ्र मिल जाता है। | (iv) इसे उत्तर प्रायः धीरे-धीरे प्राप्त होता है। |
(v) इसका प्रभाव कम समय तक रहता है। | (v) इसका प्रभाव प्रायः देर तक रहता है। |
2. जंतुओं में रासायनिक समन्वय कैसे होता है ?
उत्तर⇒ जंतुओं में रासायनिक समन्वय कुछ रासायनिक यौगिकों द्वारा होता है जिन्हें हॉर्मोन कहते हैं। इनका स्राव शरीर की कुछ विशेष ग्रंथियों द्वारा होता है जिन्हें अंतःस्रावी ग्रंथियाँ (endocrine glands) कहते हैं। अंतःस्रावी ग्रंथियाँ नलिकाविहीन ग्रथियाँ (ductless glands) भी कहलाती हैं चूँकि इनमें नलिकाएँ नहीं होती। नलिकाविहीन होने के कारण ये ग्रंथियाँ अपने स्राव हॉर्मोन्स को सीधे रक्त परिसंचरण में मुक्त करती हैं। इन ग्रंथियों से स्रावित हॉर्मोन पहले ऊतक द्रव (tissue fluid) में विसरित हो जाता है। यहाँ से यह फिर रक्त कोशिकाओं (blood capillaries) में पहुँचता है और इस तरह रक्त परिसंचरण के द्वारा उन अंगों में पहुँच जाता है जहाँ इनकी जरूरत होती है। हॉर्मोन प्रेरक का कार्य करता है और जब यह रक्त परिसंचरण द्वारा अपने लक्ष्य अंगों तक पहुँचता है, तब यह उन अंगों में से कुछ विशेष परिवर्तनों को प्रेरित करता है। हॉर्मोन-नियंत्रण एवं समन्वय का प्रभाव अपेक्षाकृत धीरे–धीरे होता है, परंतु इससे उत्पन्न प्रभाव देर तक टिकता है। इनकी रासायनिक रचना जटिल होती है।
3. जब एडीनलीन रुधिर में स्त्रावित होती है तो हमारे शरीर में क्या अनुक्रिया होती है ?
उत्तर⇒ एड्रीनलीन रुधिर में स्रावित हो जाता है और शरीर के विभिन्न भागों तक पहुँचा दिया जाता है। हृदय सहित, लक्ष्य अंगों तक तथा विशिष्ट ऊतकों पर यह कार्य करता है। इस कारणवश हृदय की धड़कन बढ़ जाती है, ताकि हमारी पेशियों में अधिक ऑक्सीजन की आपूर्ति हो सके। पाचन तंत्र तथा त्वचा में रुधिर की आपूर्ति कम हो जाती है, क्योंकि इन अंगों की छोटी धमनियों के आसपास की पेशियाँ सिकुड़ जाती हैं। यह रुधिर की दिशा हमारी कंकाल पेशियों की ओर कर देता है। डायफ्राम तथा पसलियों की पेशी के संकुचन से श्वसन दर भी बढ़ जाती है। ये सभी अनुक्रियाएँ मिलकर जंतु शरीर को स्थिति से निपटने के लिए तैयार करती हैं। ये जंतु हॉर्मोन अंत:स्रावी ग्रंथियों का भाग हैं जो हमारे शरीर में नियंत्रण एवं समन्वय का दूसरा मार्ग है।
Also Read : class 10th science objective |
क्लास 10th विज्ञान नियंत्रण एवं समन्वय प्रश्न उत्तर
4. साइटोकाइनिन तथा एबिसिसिक एसिड के कार्यों की विवेचना करें।
उत्तर⇒ साइटोकाइनिन के प्रमुख कार्य हैं
(i) यह कोशिका द्रव के विभाजन को प्रोन्नत करता है।
(ii) ये पत्तियों में जीर्णता को रोकते हैं।
(iii) ये पौधों की पत्तियों को अधिक समय तक हरी तथा ताजी बनाये रखने में मदद करता है।
(iv) यह बीज प्रसुप्ति को खत्म कर बीज अंकुरण को प्रोत्साहित करता है। एबिसिसिक एसिड के प्रमुख कार्य हैं
(i) यह पौधों के फूलों, फलों एवं पत्तियों में विलगन को प्रोत्साहित करता है।
(ii) पत्तियों का मुरझाना एवं विलगन इसके द्वारा नित्रित होता है।
(iii) यह कलियों की वृद्धि और बीजों का अंकुरण नहीं होने देता है।
(iv) इससे कोशिका विभाजन एवं कोशिका दीर्घन दोनों ही अवरुद्ध होता है।
5. थायरायड ग्रंथि की संरचना तथा उससे निकलने वाले हार्मोन के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर ⇒ थायरायड ग्रंथि श्वास नली के दोनों ओर लैटिक्स के नीचे अवस्थित होती है। इस ग्रंथि के दोनों पिंड एक संयोजी ऊतक के साथ बँधे रहते हैं, जिसे इस्थमस कहते हैं।
चित्र : थायरायड ग्रंथि
थायरायड ग्रंथि से थाइराक्सिन नामक हार्मोन निकलता है। यह हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा के सामान्य उपापचय को नियंत्रित करता है। यह शरीर में ग्लाइकोलिसिस एवं ग्लूकोनियोजिनेसिस की प्रक्रिया को बढ़ाता है।
6. तंत्रिका ऊतक कैसे क्रिया करता है ?
उत्तर ⇒
चित्र : तंत्रिका कोशिका का चित्र
न्यूरॉन की संरचना – न्यूरॉन में एक तारा आकार कोशिकाय होता है जिसे साइटॉन कहते हैं। साइटॉन के अनेक पतले तंतुओं में से एक जो सबसे लंबा होता है, अक्ष या एक्सॉन (axon) कहलाता है। इसके अन्य शाखित व छोटे प्रवर्धन डेंड्राइट्स (dendrites) कहलाते हैं। एक्सॉन अपने अंतिम छोर पर स्वयं शाखित हो जाते हैं जो कि सूक्ष्म गाँठ जैसी रचना में समाप्त होती है, जिसे सूत्रयुग्मन गाँठे या साइनैप्टिक नॉब्स (synaptic knobs) कहते हैं। एक्सॉन के चारों ओर श्वेत चर्बीदार पदार्थों का (fatty substances) का आवरण होता है जिसे मेडुलरी या मायलिन शीथ कहते हैं। जहाँ मायलिन शीथ (Medullary or Mvelin sheath) नहीं होते, रेनवियर के नोड (nodes of Ranvier) कहलाते हैं। दो नोड्स के बीच के भाग को इंटरनोड कहते हैं। मायलिन शीथ के ऊपर एक पतली झिल्ली होती है जिसे न्यूरिलेमा (neurilemma) कहते हैं । यह चपटी तथा लंबवत् कोशिकाओं की बनी होती है जिन्हें श्वान कोशिका (Schwann cells) कहते हैं। जब एक्सॉन बहुत लंबा होता है तो वह तंत्रिका तंतु (nerve fibre) कहलाता है।
7. छुई-मुई पादप की पत्तियों की गति, प्रकाश की ओर प्रवाह की गति से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर ⇒ छुई–मुई पौधों पर प्रकाशानुवर्तन गति का प्रभाव पड़ता है। पौधे का प्ररोह बहत धीमी गति से प्रकाश आने की दिशा में वृद्धि करते हैं लेकिन इसक पत्त स्पर्श की अनक्रिया के प्रति बहत अधिक संवेदनशील हैं। स्पर्श होने की सूचना इसक विभिन्न भागों को बहुत तेजी से प्राप्त हो जाती है। पादप इस सूचना को एक कोशिका से दूसरी कोशिका तक संचारित करने के लिए वैद्युत–रसायन साधन का उपयोग करते हैं। उसमें सूचनाओं के साधन के लिए कोई विशिष्टीकृत ऊतक नहीं होते इसलिए वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपने पत्तों को सिकुड़कर उनका आकार बदल लेते हैं।
चित्र : छुई–मुई का पौधा
8. छुई – मुई पादप में गति तथा हमारी टाँग में होने वाली गति के तरीके में क्या अंतर है ?
उत्तर ⇒ छुई–मुई में जंतु पेशी कोशिकाओं की तरह विशिष्टीकृत प्रोटीन तो नहीं होती लेकिन वे जल की मात्रा में परिवर्तन करके अपनी आकृति बदल लेती हैं, परिणामस्वरूप फूलने या सिकड़ने में उनका आकार बदल जाता है। अतः पौधा म केवल रासायनिक नियंत्रण होता है एवं तंत्रिकीय नियंत्रण बिलकुल भी नहीं पाया जाता है। मस्तिष्क के अग्रमस्तिष्क में साहचर्य के क्षेत्र पथक होते हैं जहा सवदा सूचनाओं का, अन्य ग्राही सूचनाओं एवं पहले से मस्तिष्क में एकत्र सूचनाओं का अथ लगाया जाता है। फिर निर्णय कर अनक्रिया तथा सचनाएँ प्रेरक क्षेत्र तक ऐच्छिक पेशी की गति को नियंत्रित करती हैं जैसे—हमारी टाँग की पेशियाँ।
9. दो तंत्रिका कोशिकाओं (न्यरॉन) के मध्य अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) में क्या होता है ?
उत्तर ⇒ हमारे पर्यावरण से सभी सचनाओं का पता कछ तंत्रिका कोशिकाओं के विशिष्टीकृत सिरों द्वारा लगाया जाता है। यह सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमाकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया द्वारा यह एक विद्युत आवेग पैदा करती है। यह आवेग द्रमिका से कोशिकाकाय तथा वहाँ से तत्रिकाक्ष (एक्सॉन) में होता हुआ एक्सॉन के अंत में विद्युत आवेग कुछ रसायनों का विमोचन कराता है। यह रसायन रिक्त स्थान या सिनेप्स (सिनेप्टिक दरार) को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की द्रमिका में इसी तरह का विद्युत आवेग प्रारंभ करते हैं। इसी तरह का एक अंतर्ग्रथन (सिनेप्स) अंततः ऐसे आवेगों को तंत्रिका कोशिका से अन्य कोशिकाओं, जैसे कि पेशी कोशिकाओं या ग्रंथि तक ले जाता है एवं यह. शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है।
चित्र : तंत्रिका पेशीय संधि
10. हमारे शरीर. में ग्राही का क्या कार्य है? ऐसी स्थिति पर विचार कीजिए जहाँ ग्राही उचित प्रकार से कार्य नहीं कर रहा हो, वहाँ क्या समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं ?
उत्तर ⇒ हमारे शरीर में त्वचा, पेशियों तथा अन्य अंगों को ग्राही अंग कहते हैं। इसका मुख्य कार्य विभिन्न प्रकार के उद्दीपनों को ग्रहण करना है। ये उद्दीपन संवेदना मार्ग से होते हुए तंत्रिका केंद्र के पास पहुँचता है, जहाँ प्रेरक मार्ग एवं अभिवाही अंग से होते हुए अनुक्रिया प्रदर्शित करता है।
यदि ग्राही अंग ठीक से काम नहीं करता है, तो उद्दीपन के प्रति किसी भी प्रकार की अनुक्रिया नहीं होती है।
11. किसी सहारे के चारों ओर एक प्रतान की वृद्धि में ऑक्सिन किस प्रकार सहायक है ?
उत्तर ⇒ मटर के पौधे की तरह कुछ पादप या बाड़ पर प्रतान की सहायता से ऊपर चढ़ते हैं। परंतु यह प्रतान स्पर्श के लिए संवेदनशील हैं। सूर्य का प्रकाश प्रतान के जिस ओर पड़ता है; ऑक्सिन उसकी विपरीत दिशा में चला जाता है। ऑक्सिन कोशिकाओं की वृद्धि को प्रेरित करता है। इसी कारणवश प्रतान वृद्धि करता हुआ मुड़ जाता है। इस प्रकार प्रतान सहारे को चारों ओर जकड़ लेता है।
चित्र : मटर के पौधा में वृद्धि
class 10 science niyantran evam samanvay
12. एक पादप हॉर्मोन का उदाहरण दीजिए जो वृद्धि को बढ़ाता है।
उत्तर ⇒ पौधों की जैविक क्रियाओं के बीच समन्वय स्थापित करने वाले रासायनिक पदार्थ को पादप हॉर्मोन या फाइटोहॉर्मोन कहते हैं। इन्हीं में से एक महत्त्वपूर्ण पादप हॉर्मोन है—ऑक्जिन (Auxin)। ऑक्जिन पौधों के स्तंभ शीर्ष (stem tip) पर मुख्यतः संश्लेषित होने वाले ये कार्बनिक यौगिक कोशिका–विभाजन (cell division) एवं कोशिका–दीर्घन (cell elongation) में सहायता करते हैं। जब पौधों पर प्रकाश पड़ता है तो ऑक्जिन प्ररोह के छायावाले भाग की ओर विसरित हो जाता है। कोशिका–दीर्घन द्वारा यह ऑक्जिन तने की वृद्धि में सहायक होते हैं। यदि स्तंभ का शीर्ष काट दिया जाए तो पौधे की लंबाई में वृद्धि रुक जाती है व पार्श्वशाखाएँ निकलने लगती हैं। यह अधिकतर बीजरहित फलों के उत्पादन में सहायक होते हैं।
13. मानव शरीर का रेखाचित्र बनाकर अंत: स्रावी ग्रंथियों को दर्शाइये।
उत्तर ⇒
चित्र: मानव की अंत: स्रावी ग्रंथियाँ (a) नर, (b) मादा
14. एड्रीनल कार्टेक्स और एड्रीनल मेडुला में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर ⇒ एड्रीनल कार्टेक्स और एड्रीनल मेडुला में निम्नलिखित अंतर हैं।
एड्रीनल कार्टेक्स | एड्रीनल मेडुला |
1. ये हल्के पीले या गुलाबी रंग के होते हैं | 1. ये गहरे भूरे रंग के होते हैं। |
2. ये एड्रीनल ग्रंथि के बाह्य भाग होते हैं। | 2. ये एड्रीनल के आन्तरिक केन्द्रीय भाग हैं। |
3. ये तंतु पट से ढकी रहती है। | 3. ये भी तंतु पट से ढके होते हैं |
4. ये मीसोडर्म से उत्पन्न होते हैं। | 4. ये एन्डोडर्म से उत्पन्न होते हैं। |
5. खनिज कोर्टिकाइड, ग्लूको कोर्टिकोइड और कोर्टिकोइड आदि स्रावित होते हैं। | 5. एड्रीनलिन तथा नॉन-एड्रीनलिन आदि हार्मोन्स स्रावित होते हैं। |
15. अतःस्रावी और बहिःस्रावी ग्रंथियों में अंतर लिखें।
उत्तर ⇒ (i) अंतः स्रावी और बहिः स्रावी ग्रंथियाँ।
अंतःस्रावी ग्रंथियाँ | बहिःस्रावी ग्रंथियाँ |
1. ये नलिका विहीन होती हैं। | 1. इनकी अपनी नलिकाएँ होती हैं। |
2. इनका स्राव रक्त द्वारा संकेतित अंग तक पहुँचाया जाता है। | 2. ये अपने स्राव शरीर के भीतरी भागों में पहुँचाती हैं। |
3. ये विशेष अंगों की उचित वृद्धि, और कार्यों के लिए उत्तरदायी होती है। | 3. ये भोजन और बाह्य पदार्थों पर कार्य करने में निपुणता रखती है। |
class 10th science niyantran evam samanvay question answer
class 10th science question bihar board
S.N | Physics ( भौतिक विज्ञान ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1 | प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन |
2 | मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार |
3 | विधुत धारा |
4 | विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव |
5 | ऊर्जा के स्रोत |
S.N | Chemistry ( रसायन विज्ञान ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1 | रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण |
2 | अम्ल क्षार एवं लवण |
3 | धातु एवं अधातु |
4 | कार्बन और उसके यौगिक |
5 | तत्वों का वर्गीकरण |
S.N | Biology ( जीव विज्ञान ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न |
1 | जैव प्रक्रम |
2 | नियंत्रण एवं समन्वय |
3 | जीव जनन कैसे करते हैं |
4 | अनुवांशिकता एवं जैव विकास |
5 | हमारा पर्यावरण |
6 | प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन |
10th class science question answer in hindi pdf and 10th class science question paper in hindi medium. class 10th science objective question 2022 in hindi
नियंत्रण एवं समन्वय क्लास 10th Question
क्लास 10th विज्ञान नियंत्रण एवं समन्वय के प्रश्न उत्तर यहां पर दिया गया है जो बिहार बोर्ड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। नियंत्रण एवं समन्वय क्लास 10th Objective Question Answer Class 10th science subjective Question answer in hindi pdf download. niyantran evam samanvay class 10th long Question answer science subjective Question answer in hindi.