Class 10th Hindi Grammar ( हिंदी व्याकरण ) 4.लिंग
प्रश्न – लिंग किसे कहते हैं ? उसके कितने भेद हैं ?
उत्तर⇒ लिंग संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ होता है ‘चिह्न’ या निशान । जिन चिह्नों से शब्दों का स्त्रीवाचक या पुरुषवाचक होना प्रकट हो, उन्हें लिंग कहते हैं।
लिंग के भेद
हिन्दी भाषा में दो लिंग होते हैं –
(i) पुंलिंग, (ii) स्त्रीलिंग ।
(i) पुंलिंग – पुरुषत्व का बोध कराने वाले शब्दों या चिह्नों को पुंलिंग कहते हैं। जैसे- पिता, घोड़ा।
(ii) स्त्रीलिंग-स्त्री जाति का बोध करानेवाले शब्दों को स्त्रीलिंग कहते हैं; . जैसे— गायिका।
लिंग-भेद
एक ही प्रकार के दिखने वाले शब्दों में इतना लिंग-भेद है कि विद्वानों को भी सरदर्द हो जाता है । लिंग-भेद कई स्थितियों में संभव है; इसके प्रायः सभी नियमों में अपवाद पाए जाते हैं। कारण यह है कि सुपरिचित प्राणिवाचक संज्ञाओं की पहचान करना तो सरल है, किन्तु अपरिचित जीवों तथा अप्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग-निर्धारित करना अत्यन्त कठिन है। वे न तो पुरुषवाचक होते हैं और न. त स्त्रीवाचक । जैसे – पहाड़, नदी । पहाड़ को पुलिंग मान लेना केवल एक रूढ़ि है ।
लिंग-निर्णय के कुछ सामान्य नियम
1.पुंलिंग शब्दों की पहचान
(क) मनुष्य और बड़े पशुओं में नर पुंलिंग होते हैं और नारियाँ स्त्रीलिंग । जैसे_लड़का, युवक, बूढा, हाथी, ऊँट आदि नर हैं, अतः पुलिंग हैं।
(ख) छोटे पक्षियों, कीड़ों आदि या जिनमें जोड़ों का भेद करना कठिन है उन प्राणियों का लिंग-निर्णय व्यवहार के आधार पर होता है । जैसे-कौआ, खटमल, गिरगिट, गीदड़, चीता, छछूदर, बटेर, भेड़िया, बिच्छू, मच्छर आदि शब्द पुंलिंग हैं; परन्तु कोयल, गिलहरी, मछली, मैना, गोरैया आदि स्त्रीलिंग।
(ग) द्वंद्व समास के प्रणिवाचक शब्द पुंलिंग होते हैं । जैसे — नर-नारी, भाई-बहन, माँ-बाप, राधा-कृष्ण आदि।
(घ) संस्कृत के अकारान्त तत्सम शब्द प्रायः पुंलिंग होते हैं । जैसे- अध्याय, व अभिप्राय, उपाय, इतिहास, अध्यक्ष, अंधकार, उपहार, उपचार, व्यय आदि । ‘पुस्तक’का स्त्रीलिंग में व्यवहार होता है।
(ड़) अप्राणिवाचक संज्ञाओं का लिंग-निर्णय रूप के आधार पर होता है। जैसे-ये तमाम शब्द पुंलिंग हैं-
वनस्पति – अनार, आम, खजूर, पीपल, ताड़, अशोक, बाँस आदि ।
तरल पदार्थ – दूध, दही, तेल, पानी, शर्बत आदि ।
धातु- अल्युमिनियम, पीतल, रजत, लोहा, सोना आदि ।
मसाला- जीरा, तेजपात आदि।
अन्न- उड़द, गेहूँ, चना आदि ।
पर्वत- हिमालय, अमरकण्टक, हिन्दूकुश आदि ।
दिन- रवि, सोम, मंगल आदि ।
रन-हीरा, मोती, नीलम, मूंगा आदि ।
वनस्पति— इमली, मूंगफली आदि स्त्रीलिंग में प्रयुक्त होते हैं।
(च) हिन्दी की वे भाववाचक संज्ञाएँ पुंलिंग होती हैं, जिनके अंत में आ, आव, आवा, ना, पा अथवा पन पाया जाता है । जैसे – घेरा, बचाव, भुलावा, मरना, बुढ़ापा, लड़कपन आदि।
(छ) तत्सम शब्दों को छोड़कर हिन्दी की वे संज्ञाएँ जिनके अंत में आकार हो (परन्तु ‘इया’ प्रत्यय न हो) पुलिंग होती हैं ।
जैसे— रुपया, बच्चा, छाता, आटा, कपड़ा आदि ।
2. स्त्रीलिंग शब्दों की पहचान –
(क) जिन संस्कृत-संज्ञाओं के अंत में आ, इ अथवा उ हो वे स्त्रीलिंग होती हैं । जैसे –
आ – क्षमा, दया, छाया, कृपा, करुणा, वन्दना, याचना आदि।
इ – सिद्धि, रीति, मति, केलि आदि।
उ – मृत्यु, रेणु, धेनु आदि।
(ख) ट, आवट और आहट प्रत्ययान्त संज्ञाएँ स्त्रीलिंग हैं । जैसे — झंझट, बनावट, . रुकावट, सजावट, चिकनाहट आदि।
(ग) हिन्दी की वे संस्कृत से भिन्न भाववाचक संज्ञाएँ जिनके अन्त में ‘अ’ अथवा ‘न’ हो । जैसे चमक, दमक, पुकार, समझ, दौड़, चाल, उलझन, जलन आदि ।
(घ) संस्कृत को छोड़कर हिन्दी की वे संज्ञाएँ जिनके अन्त में ई, इया, ऊ, ख, त अथवा स हो । जैसे –
ई – उदासी, टोपी, लड़की, धोती, चोटी आदि ।
इया – खटिया, पुड़िया, बुढ़िया आदि ।
ऊ – गेरू, लू आदि।
ख – ईख, भूख, आँख, साख, राख, कोख आदि।
तं – बात, रात, लात, छत आदि।
स – आस, प्यास, साँस आदि ।
प्रश्न-पुंलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम बताएँ।
उत्तर⇒ पुंलिंग से स्त्रीलिंग बनाने के नियम – जिन प्रत्ययों के योग से पुंलिंग शब्द स्त्रीलिंग में बदल जाते हैं, उन्हें स्त्रीवाची प्रत्यय कहते हैं। हिन्दी में मुख्य स्त्री प्रत्यय हैं – आ, ई, नी, आनी, आइन, इनी, इका, इया, इन, वती, मती । इन प्रत्ययों का प्रयोग करते समय मूल शब्द के अन्तिम स्वर को हटा दिया जाता है। कई बार मूल शब्द का मूलतः ही परिवर्तन हो जाता है। प्रत्ययों के . योग से बने स्त्रीलिंग शब्दों के कुछ रूप आगे दिए जा रहे हैं –
(i) अकारान्त तत्सम शब्दों के अन्तिम ‘अ’ को ‘आ’ कर देते है जैसे –
प्रिय | प्रिया |
शिष्य | शिष्या |
छात्र | छात्रा |
सुत | सुता |
तनुज | तनुजा |
कान्त | कान्ता |
पज्य | पूज्या |
बाल | बाला |
(ii) कुछ अकारान्त शब्दों के अन्तिम ‘अ’ को ‘ई’ कर देते हैं। जैसे –
देव | देवी |
पहाड़ | पहाड़ी |
दास | दासी |
ब्राह्मण | ब्राह्मणी |
कबूतर | कबूतरी |
मृग | मृगी |
पुत्र | पुत्री |
सूअर | सूअरी |
(iii) कुछ आकारान्त शब्दों के अन्तिम ‘आ’ की ‘ई’ हो जाती है। जैसे-
चाचा | चाची |
घोड़ा | घोड़ी |
गधा | गधी |
बकरा | बकरी |
रस्सा | रस्सी |
मामा | मामी |
लड़का | लड़की |
बेटा | बेटी |
(iv) कुछ अकारान्त तथा आकारान्त शब्दों के अन्तिम ‘आ’ को ‘इया’ करके नहला स्वर हस्व कर दिया जाता है। जैसे- .
कुत्ता | कुतिया |
बूढा | बुढ़िया |
(v) अन्तिम शब्द को परिवर्तित कर ‘इन’ कर देते हैं। जैसे-
सुनार | सुनारिन |
हलवाई | हलवाइन |
ग्वाला | ग्वालिन |
कहार | कहारिन |
लुहार | लुहारिन |
नाग | नागिन |
धोबी | धोबिन |
नाई | नाइन |
जुलाहा | जुलाहिन |
तेली | तेलिन |
पड़ोसी | पड़ोसिन |
माली | मालिन |
(vi) उपनाम या पदवीवाचक शब्दों के अन्त में स्वर को ‘आइन’ कर दिया जाता है। जैसे –
लाला | ललाइन |
बाबू | बबुआइन |
ओझा | ओझाइन |
ठाकुर | ठकुराइन , ठकुरानी |
दूबे | दूबाइन |
गुरु | गुरुआइ |
चौबे | चौबाईन |
पण्डा | पण्डाइन |
(vii) कछ पलिंग शब्दों के अन्त में ‘नी’ लगा देते हैं। जैसे –
सिंह | सिंहनी |
जाट | जाटनी |
शेर | शेरनी |
भील | भीलनी |
ऊँट | ऊँटनी |
मोर | मोरनी |
राक्षस | राक्षसनी |
(viii) कुछ अकारान्त शब्दों के अन्त में आनी’ करने से स्त्रीलिंग बनते हैं। जैसे
सेठ | सेठानी |
नौकर | नौकरानी |
देवर | देवरानी |
भव | भवानी |
जेठ | जेठानी |
चौधरी | चौधरानी |
मेहतर | मेहतरानी |
(ix) संस्कृत के ‘वान्’ और ‘मान्’ शब्दों में ‘वान्’ तथा ‘मान्’ को ‘वती’ और ‘मती’ कर देने से स्त्रीलिंग बनाया जाता है। जैसे
गुणवान् | गुणवती |
ज्ञानवान् | ज्ञानवती |
बुद्धिमान् | बुद्धिमती |
भगवान् | भगवती |
धनवान् | धनवती |
श्रीमान् | श्रीमती |
भाग्यवान् | भाग्यवती |
आयुष्मान् | आयुष्मती |
बलवान् | बलवती |
पुत्रवान् | पुत्रवती |
(x) जिन पुलिंग शब्दों के अन्त में अक’ होता है, उनमें ‘अक’ के स्थान पर ‘इको’ कर देने से शब्द स्त्रीलिंग बन जाते हैं। जैसे-
नायक | नायिका |
सेवक | सेविका |
गायक | गायिका |
पाठक | पाठिका |
बालक | बालिका |
धावक | धाविका |
वाक्य-प्रयोग द्वारा लिंग-निर्णय करे।
[ अ ]
अर्थ (पुं०) | इस वाक्य का अर्थ निकालो। |
अनल (पुं०) | जल रहा है। |
अर्थी (स्त्री०) | मृत व्यक्ति की अर्थी उठ गई। |
अर्चना (स्त्री०) | प्रभु की अर्चना करो। |
अग्नि (स्त्री०) | अग्नि जल रही है। |
अनबन (स्त्री०) | राम से मेरी अनबन हो गई है। |
अरहर (स्त्री०) | बाजार में अरहर बहुत महँगी है। |
अभिलाषा (स्त्री०) | तेरी अभिलाषा पूरी हो। |
अवस्था (स्त्री०) | मेरे स्वास्थ्य की अवस्था ठीक नहीं है। |
[आ ]
आह (स्त्री०) | मन में आह उठ रही है। |
आवाज (स्त्री०) | आवाज आ रही है |
आरती (स्त्री०) | पूजा के बाद आरती होती है |
आय (स्त्री०) | उसकी मासिक आय बहुत ही कम है |
आयु (स्त्री०) | उसकी आयु पन्द्रह वर्ष है। |
आकाश ( पुं०) | आकाश नीला है । |
आहट (स्त्री०) | चोर के आने की आहट पाकर मैं उठ गया । |
आन (स्त्री०) | अपनी आन पर अड़े रहो । |
आचरण ( पुं०) | अपना आचरण पवित्र रखो । |
आंदोलन (पुं०) | देश में आंदोलन हो गया है। |
आत्मा (स्त्री०) | मेरी आत्मा की आवाज सुनो । |
आशा (स्त्री०) | भगवान करे, तुम्हारी आशा पूरी हो। |
आलोचना (स्त्री०) | किसी की आलोचना मत करो । |
आज्ञा (स्त्री०) | माँ-बाप की आज्ञा मानो । |
आँख (स्त्री०) | उनकी आँख बड़ी-बड़ी है। |
आँसू (पुं०) | आँसू टपक पड़े। |
[ इ ]
इत्र (पुं०) | बाजार में इत्र मिलता है। |
इज्जत (स्त्री०) | इज्जत सबको प्यारी होती है। |
इनाम (पुं०) | खेल में राम को इनाम मिला । |
इस्पात (पुं०) | इस्पात महँगा होता है। |
इतिहास (पुं०) | भारतवर्ष का इतिहास बहुत पुराना है। |
इरादा (पुं०) | अपना इरादा पक्का रखो। |
[ ई ]
ईख (पुं०) | ईख मीठी है। |
ईंट (स्त्री०) | ईंट से ईंट बज गई। |
ईद (स्त्री०) | ईद खूब उत्साह से मनाई गई। |
ईर्ष्या (स्त्री०) | तुम्हारी ईर्ष्या उचित नहीं है। |
ईमान (पुं०) | अपना ईमान मत खोना । |
[ उ ]
उधार (पुं०) | उस दुकान से मेरा उधार चलता है। |
उच्चारण (पुं०) | भाषा का शुद्ध उच्चारण करना चाहिए । |
उबटन (पुं०) | देह में उबटन लगाया गया है। |
उत्सव (पुं०) | होली हिन्दुओं का महान उत्सव है । |
उत्साह (पुं०) | उसका उत्साह कहा नहीं जा सकता। उड़ान |
उथल-पुथल (स्त्री०) | देश में उथल-पुथल मची है। |
उड़ान (स्त्री०) | वायुयान की उड़ान तो देखो । |
उम्र (स्त्री०) | हमारी उम्र कम है। |
उत्तर (पुं०) | इस प्रश्न का उत्तर दो। |
उत्थान (पुं०) | हर तरह से देश का उत्थान करो । |
उड़द (पुं०) | बाजार में उड़द (उरद) नहीं मिलता है। |
[ ऊ ]
ऊन (पुं०) | ऊन बाजार में महँगा मिलता है। |
ऊँचाई (स्त्री०) | हिमालय की ऊँचाई बताइए । |
[ ए ]
एकता (स्त्री०) | देश की एकता कायम रखनी है। |
एकांत (पुं०) | मुझे एकांत अच्छा लगता है। |
ऐश्वर्य (पुं०) | देश का ऐश्वर्य देखिए । |
ऐनक (स्त्री०) | ऐनक टूट गयी। |
ऐंठ या ऐंठन (स्त्री०) | रस्सी जल गई, पर ऐंठन न गई। |
[ ओ ]
ओस (स्त्री०) | दूब पर ओस गिर रही है। |
ओट (स्त्री०) | आँख की ओट में गली छिप गई । |
ओंकार (पुं०) | ओंकार सदा एकरस सत्य रहेगा। |
ओल (पुं०) | ओल महँगा बिकता है। |
ओला (पुं० ) | ओले गिर रहे हैं। |
[ औ ]
औरत (स्त्री०) | एक औरत आ रही है। |
औकात (स्त्री०) | अपनी औकात से बाहर नहीं जाना चाहिए। |
औलाद (स्त्री०) | सभी माँ-बाप अपनी औलाद को प्यार करते हैं। |
[ क ]
कर्म (पुं॰) | अच्छा कर्म कीजिए। |
कमल (पुं०) | तालाब में कमल खिले हैं । |
केंचुल (स्त्री) | साँप ने अपनी केंचुल छोड़ी। |
कान (पुं०) | कान लम्बे हैं। |
कील (स्त्री०) | यह लोहे की कील है। |
कपूर (स्त्री०) | कपूर उड़ गया । |
कमर (स्त्री०) | राम की कमर टूट गई। |
कुशल (स्त्री ) | आपकी कुशल चाहता हूँ । |
करवट (स्त्री० ) | खाकर बाईं करवट सोना चाहिए। |
कोयल (स्त्री०) | कोयल कूक रही है। |
किताब (स्त्री०) | मेरी किताब खो गई। |
कलम (स्त्री०) | मेरी कलम टूट गई । |
करतूत (स्त्री०) | काली करतूत पर पछताना पड़ता है। |
कपास (स्त्री०) | बिहार में कपास कम उपजती है। |
[ ख ]
खत (पुं०) | खत लिखा गया। |
खरीद (स्त्री०) | धान की खरीद चल रही है। |
खटिया (स्त्री०) | खटिया चौड़ी है। |
खेत (पुं०) | यह मेरा खेत है। |
ख्याति (स्त्री०) | दिनकरजी की ख्याति सर्वत्र फैली है। |
खबर (स्त्री०) | आपके आने की खबर मिली। |
खीर (स्त्री०) | खीर मीठी है। |
खिलौना (पु०) | मिट्टी का खिलौना टूट गया । |
खाल (स्त्री०) | भैंस की खाल मोटी है । |
[ ग ]
गन्ध (स्त्री०) | फूल की गन्ध अच्छी है। |
गान (पु०) | उसका गान सुना गया। |
गाना (पुं०) | मेरा गाना सुनिए। |
गन्ना (पुं०) | इस साल गन्ना बहुत कम हुआ है। |
गजल (स्त्री०) | अच्छी गजलें पसन्द की गईं। |
गरीबी (स्त्री०) | देश में गरीबी बढ़ रही है। |
गेहूँ (पुं०) | गेहूँ महँगा मिल रहा है। |
गला (पुं० ) | मेरा गला सूख रहा है। |
गुड़ (पुं० ) | गुड़ मीठा होता है। |
[ घ ]
घर (पुं० ) | घर पुराना है। |
घूस (स्त्री०) | नौकरी में घूस चल रही है। |
घी (पुं० ) | घी महँगा मिलता है। |
घटा (स्त्री०) | आकाश में घटा घिरी है। |
घास (स्त्री०) | हरी घास पर बैठिए । |
घाव (पुं० ) | मेरा घाव भर गया। |
घोंसला (पुं० ) | चिड़िया का घोंसला गिर गया। |
घूँघट (पुं० ) | हमारे यहाँ घूघट नहीं चलता है। |
[ च ]
चना (पुं०) | बाजार में चना मिलता है। |
चमक (स्त्री०) | बिजली की चमक मत देखो । |
चील (स्त्री०) | चील उड़ रही है। |
चाँद (पुं०) | चाँद आकाश में चमक रहा है। |
चाँद (स्त्री०) | उसके सिर की चाँद गंजी है । |
चाकू (पुं०) | मेरा चाकू तेज है। |
चौकी (स्त्री०) | मेरी चौकी टूट गई । |
चावल (पुं०) | चावल महँगा है। |
चिड़िया (स्त्री०) | चिड़िया उड़ गई। |
चाँदी (स्त्री०) | चाँदी सस्ती है। |
चरण (पुं०) | प्रभु के चरण ही शरण है। |
चरित्र (पुं०) | अच्छे चरित्र का व्यक्ति पूजा जाता है। |
चेहरा (पु०) | उसका चेहरा काला पड़ गया। |
चादर (स्त्री०) | यह मेरी चादर है। |
[ छ ]
छत (स्त्री०) | घर की छत गिर गई। |
छाता (पुं०) | मेरा छाता खो गया । |
छप्पर (पुं० ) | झोपड़ी का छप्पर चू रहा है। |
छाप (स्त्री०) | अंगूठे की छाप दो । |
[ ज ]
जाति (स्त्री०) | किसकी जाति समाप्त हो रही है ? |
जमानत (स्त्री०) | अदालत से राम को जमानत मिल गई। |
जीवन (पुं०) | मनुष्य का जीवन दु:खमय होता है। |
जुलूस (पु०) | जुलूस जा रहा है। |
जूं (स्त्री०) | सिर में जूं रेंग रही है। |
जी (पुं०) | मेरा जी घबरा रहा है। |
जूता (पु०) | मेरा जूता टूट गया। |
जहाज (पुं०) | जहाज पानी में डूब गया। |
जोंक (स्त्री०) | पत्थर में जोंक नहीं लगती है। |
[ झ ]
झरना (पुं०) | झरना झर रहा है। |
झूठ (पुं०) | झूठ पकड़ा गया । |
झाडू (पुं०) | झाडू अच्छा है। |
झंझट(स्त्री०) | आपस में झंझट चल रही है। |
[ ट ]
टमटम (पुं०) | स्टेशन के पास टमटम मिलता है। |
टोपी (स्त्री०) | टोपी पुरानी है। |
टाँग (स्त्री०) | टाँग टूट गई। |
टिकट (पुं०) | मेरा टिकट कट गया। |
टीस (स्त्री०) | कलेजे से टीस उठ रही है। |
टीका (स्त्री०) | मैंने रामायण की टीका लिखी। |
टीका (पु०) | माथे पर राम लंबा टीका लगाता है। |
टेक (स्त्री०) | प्रभु ने मेरी टेक रख ली । |
[ ठ ]
ठंढक (स्त्री०) | जोरों की ठंढक पड़ रही है। |
ठोकर (स्त्री०) | पत्थर से पाँव में ठोकर लगी । |
ठेस (स्त्री०) | ठेस लगेगी, आँख खुलेगी। |
ठठरी (स्त्री०) | शरीर में केवल ठठरी बची है। |
ठिकाना (पु०) | इस जीवन का क्या ठिकाना ? |
[ ड ]
डर (पुं॰) | मुझे किसी का डर नहीं है। |
डाँटः (स्त्री०) | आज डॉट पड़ेगी। |
डाक (स्त्री०) | आज की डाक आई |
डाल (स्त्री०) | वृक्ष की डाल टूट गई। |
डंक (पुं॰) | बिच्छू का डंक सहना आसान नहीं। |
डिब्बा (पुं॰) | डिब्बा भरा है। |
[ ढ ]
ढाल (स्त्री०) | पहाड़ की ढाल तीव्र है। |
ढोलक (पुं॰) | ढोलक बज रहा है। |
ढेर (पुं॰) | जहाँ देखो, अनाज का ढेर लगा है। |
[ त ]
तलवार (स्त्री०) | सन् 1857 में थी जो चमकी, वह तलवार पुरानी थी। |
ताश (पुं०) | ताश फट गया। |
तरकश (पुं०) | तरकश खाली था। |
तस्वीर (स्त्री०) | तस्वीर टूट गई है। |
तारा (पुं०) | तारे चमक रहे हैं। |
तीसी (स्त्री०) | तीसी सस्ती है। |
तरंग (स्त्री०) | नदी में तरंग उठ रही है। |
तोप (स्त्री०) | तोप गरज रही है। |
तीतर (पुं०) | तीतर बोल रहा है। |
तालाब (पुं०) | तालाब सूख गया। |
[ थ ]
थकान (स्त्री०) | यात्रा की थकान तुरंत नहीं मिटती । |
थूक (स्त्री०) | थूक जमीन पर गिरा। |
थाली (स्त्री०) | थाली फूट गई। |
थप्पड़ (पुं०) | उसे एक थप्पड़ लगा। |
थैला (पुं०) | थैला खुला है। |
थकावट (स्त्री०) | यात्रा से थकावट आती ही है। |
[ द ]
दर्द (पुं०) | घाव में दर्द हो रहा है। |
दही (पुं०) | दही खट्टा है। |
दशा (स्त्री०) | मोहन रवि की दशा देखकर चिंतित हो गया। |
दोष (पुं०) | इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। |
दर्शन (पुं०) | इसमें मेरा कोई दोष नहीं है। |
दरार (स्त्री०) | दीवाल में दरार पड़ गई है। |
दीपक (पुं॰) | दीपक बुझ गया । |
देश (पुं॰) | देश तरक्की कर रहा है। |
दाल (स्त्री०) | अरहर की दाल अच्छी बनती है। |
दाँत (पुं॰) | मेरा एक दाँत टूट गया। |
[ ध ]
धन (पुं॰) | धन आता-जाता रहता है। |
धातु (पुं॰) | व्याकरण के धातु कठिन हैं। |
धातु ( स्त्री०) | ताँबा अच्छी धातु है। |
धनिया (पुं॰) | धनिया अच्छी है। |
धड़कन ( स्त्री०) | हृदय की धड़कन बढ़ गई। |
धुप (स्त्री०) | धूप निकल आई। |
धारा (स्त्री०) | धारा बहुत तेज थी। |
धूल (स्त्री०) | धूल उड़ रही है। |
[ न ]
नख (पुं॰) | मैंने अपना नख काट लिया। |
नदी (स्त्री०) | नदी लम्बी है। |
नाक (स्त्री० ) | राम की नाक टेढ़ी है। |
नासपाती (स्त्री०) | बाजार में नासपाती मिल रही है। |
[ प ]
पत्र (पुं०) | मेरा पत्र मिला होगा। |
पाँव (पु०) | मेरा एक पाँव फूल गया है। |
पहिया (पु०) | पहिया टूट गया। |
पैर (पु०) | मेरा पैर टूट गया है। |
पूँछ (स्त्री०) | कुत्ते की पूँछ टेढ़ी होती है। |
पुस्तक (स्त्री०) | पुस्तक नई है। |
पाठशाला (स्त्री०) | पाठशाला बंद हो गई है। |
पक्षी (पु०) | पक्षी उड़ रहे हैं। |
पेड़ (पु०) | पेड़ सूख गया। |
प्यास (स्त्री०) | मुझे प्यास लगी है। |
पंखा (पुं०) | पंखा टूट गया। |
पलंग (पु०) | मेरा पलंग टूट गया । |
पोशाक (स्त्री०) | उसकी पोशाक काली है। |
प्राण (पु०) | राम के प्राण उड़ गए। |
प्रतिज्ञा (स्त्री०) | अपनी प्रतिज्ञा पूरी कीजिए । |
पताका (स्त्री०) | पताका फहरा रही है। |
[ फ ]
फूल (पुं०) | बाग में फूल खिले हैं। |
फूट (स्त्री०) | आपस में फूट पड़ गई है। |
फरियाद (स्त्री०) | कोर्ट ने उसकी एक भी फरियाद नहीं सुनी। |
फल (पुं०) | यह फल मीठा है |
फसल (स्त्री०) | धान की फसल अच्छी है। |
[ ब ]
बरसात (स्त्री०) | बरसात आ गई। |
बनावट (स्त्री०) | घर की बनावट अच्छी है। |
बुढ़ापा (पुं०) | बुढ़ापा कष्टदायक होता है। |
बात (स्त्री०) | बात बिगड़ गई। |
बहु (स्त्री०) | बहू मायके जा रही है। |
बारात (स्त्री०) | बारात आ गई। |
बाजार (पुं०) | बाजार लगा है। |
बिन्दु (पुं०) | छोटे बिन्दु पर यह बिन्दु पड़ा है। |
बाँह (स्त्री०) | उसकी बाँह टूट गई। |
बर्फ (स्त्री०) | बर्फ पिघल गई। |
[ भ ]
भात (पु०) | भात बन गया । |
भेंट (स्त्री०) | राम से मेरी भेंट हो गई। |
भूख (स्त्री०) | भूख लगी है। |
भुत (पु०) | मार के डर से भूत भागता है। |
भेड़ (स्त्री०) | भेड़ें खेत में चर रही हैं। |
भीड़ (स्त्री०) | मेले में भीड़ थी। |
भक्ति (स्त्री०) | प्रभु की भक्ति सत्य है। |
भिक्षा (स्त्री०) | भिखारी को भिक्षा मिली। |
भीख (स्त्री०) | माँगे भीख भी नहीं मिलती है। |
भूल (स्त्री०) | मुझसे भूल हो गई। |
[ म ]
मौत (स्त्री०) | मेरी माँ की मौत हो गई। |
मरण (पुं०) | मेरा तो समझो, मरण हो गया। |
मूंछ (स्त्री) | उसकी मूंछ टेढ़ी है। |
मृत्यु (स्त्री०) | बूढ़े की मृत्यु हो गई। |
माला (स्त्री०) | फूल की माला बनाओ। |
मगर (पुं०) | मगर बड़ा भयानक होता है । |
मोती (पुं०) | मोती चमकता है । |
[ र ]
राज्य (पुं०) | बिहार राज्य बहुत बड़ा है। |
रकम (स्त्री०) | पाँच रुपये की रकम बहुत छोटी है । |
रुई (स्त्री०) | रूई उजली है। |
रात (स्त्री०) | रात काली है। |
रोसनाई (स्त्री०) | रोशनाई काली है। |
रेत (स्त्री०) | रेत धूप में गर्म हो गई। |
रेखा (स्त्री०) | एक छोटी रेखा है। |
रास्ता (पुं०) | रास्ता चौड़ा है। |
राह (स्त्री०) | राह लंबी है। |
राख (स्त्री०) | राख बुझ गई। |
[ ल ]
लोभ (पुं०) | दूसरे की वस्तु लेने का लोभ उचित नहीं। |
लू (स्त्री०) | लू चल रही है। |
लकीर (स्त्री०) | छोटी लकीर मिट गई। |
लगाम (स्त्री०) | यह घोड़े की लगाम है। |
लपट (स्त्री०) | आग की लपट बढ़ रही है। |
ललकार (स्त्री०) | सेनापति की ललकार थी। |
लाचारी (स्त्री०) | मेरी लाचारी पर ध्यान दीजिए। |
लिखाबट (स्त्री०) | रमेश की लिखावट अच्छी है। |
लत (स्त्री०) | बुरी लत को छोड़ देना चाहिए। |
लाश (स्त्री०) | लाश दफना दी गई। |
लालच (पुं॰) | उसका लालच खत्म हो गया। |
[ व ]
वर्षा (स्त्री०) | वर्षा हो रही है। |
विपत्ति (स्त्री०) | विपत्ति आती है तो जाती भी है। |
विद्यालय ( पुं॰) | यह विद्यालय पुराना है। |
[ श ]
शरण (स्त्री०) | प्रभु की शरण सत्य है। |
शांति (स्त्री०) | मेरे मन की शांति समाप्त हो गई। |
शिकायत (स्त्री०) | किसी की भी शिकायत उचित नहीं। |
शरबत ( पुं॰) | शरबत मीठा है। |
शराब (स्त्री०) | शराब अच्छी नहीं है। |
शाखा (स्त्री०) | वृक्ष की शाखा गिर गई। |
शान (स्त्री०) | हिमालय भारत की शान है। |
शक्ति (स्त्री०) | अपनी शक्ति से काम करना चाहिए। |
[ स ]
समझ (स्त्री०) | मेरी समझ में कुछ भी नहीं आ रहा है। |
सतह (स्त्री०) | पानी की सतह ऊँची है। |
सम्मान (पुं०) | प्रधानमंत्री का सम्मान किया गया। |
सुविधा (स्त्री०) | मुझे घर जाने की सुविधा प्राप्तहै। |
सेना (स्त्री०) | भारतवर्ष की सेना विशाल है। |
सूरत (स्त्री०) | इसकी सूरत काली है । |
सिर (पुं०) | मेरा सिर चकरा रहा है। |
सहारा (पु०) | इस काम में मेरा सहारा काफी है। |
सैर (स्त्री०) | उसने सैर की। |
सेवा (स्त्री०) | गरीबों की सेवा कीजिए। |
सभ्यता (स्त्री०) | देश की पुरानी सभ्यता का खयाल कीजिए |
[ ह ]
हद (स्त्री०) | उसने तो हद कर दी। |
हींग (स्त्री०) | हींग महँगी है। |
हलचल (स्त्री०) | देश में क्रांति की हलचल है । |
हड्डी (स्त्री०) | हाथ की हड्डी टूट गई। |
हाथी (पु०) | हाथी आ रहा है। |
हरियाली (स्त्री०) | हरियाली छाई है। |
हँसी (स्त्री०) | किसी की हँसी मत उड़ाओ। |
होली (स्त्री०) | होली आ गई। |
हिफाजत (स्त्री०) | अपनी हिफाजत कीजिए। |
हथियार (पुं०) | यह हथियार पुराना है। |
बहुवैकल्पिक प्रश्नात्तर
1. ‘फरमाइश’ कौन-सा लिंग है ?
(A) स्त्रीलिंग
(B) पुल्लिंग
(C) विधिलिंग
(D) नपुंसक लिंग
उत्तर⇒(A)स्त्रीलिंग
2. जिन चिह्नों से शब्दों का स्त्रीवाचक या पुरुषवाचक होना प्रकट हो, उन्हें कहते हैं –
(A) वचन
(B) लिंग
(C) सर्वनाम
(D) संज्ञा
उत्तर⇒(B) लिंग
3. लिक किस भाषा का शब्द है ?
(A) संस्कृत
(B) हिन्दी
(C) उर्दू
(D) अंग्रेजी
उत्तर⇒(A)संस्कृत
4: लिंग के कितने भेद हैं ?
(A) दो
(B) चार
(C) पाँच
(D) तीन
उत्तर⇒(D)तीन
5. पुरुषत्व का बोध करानेवाले शब्दों या चिह्न को कहते हैं –
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) नपुंसक लिंग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(A) पुल्लिंग
6. स्त्री जाति के बोध करानेवाले शब्दों को …………… कहते हैं।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) नपुंसक लिंग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B) स्त्रीलिंग
7. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) जाति
(B) जमानत
(C) जोंक
(D) जहाज
उत्तर⇒(D)जहाज
8. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) तलवार
(B) ताश
(C) तकदीर
(D) तस्वीर
उत्तर⇒(B)ताश
9. निम्नांकित में स्त्रीलिंग कौन है ?
(A) तीतर
(B) तालाब
(C) थूक
(D) थकान
उत्तर⇒(D)थकान
10. निम्नांकित में स्त्रीलिंग कौन है ?
(A) फुट
(B) फरियाद
(C) फल
(D) प्राण
उत्तर⇒(B) फरियाद
11. निम्नांकित में स्त्रीलिंग कौन है ?
(A) बाजार
(B) बिन्दु
(C) बुढ़ापा
(D) बरसात
उत्तर⇒(D)बरसात
12. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) लू
(B) लकीर
(C) लोभ
(D) लगाम
उत्तर⇒(c)लोभ
13. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) लपट
(B) लालच
(C) लत
(D) लाश
उत्तर⇒(B)लालच
14. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) शरण
(B) शांति
(C) शरबत
(D) शिकायत
उत्तर⇒(C)शरबत
15. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) शराब
(B) शाखा
(C) शक्ति
(D) सम्मान
उत्तर⇒(D) सम्मान
16. निम्नांकित में पुल्लिंग कौन है ?
(A) हाथी
(B) हरियाली
(C) हँसी
(D) होली
उत्तर⇒(A)हाथी
17. टोपी पुरानी है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B)स्त्रीलिंग
18. ठेस लगेगी, आँख खुलेगी। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B)स्त्रीलिंग
19. कपर उड़ गया । रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(A)पुल्लिंग
20. सेनापति की ललकार थी। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B)स्त्रीलिंग
21. देश में क्रांति की हलचल है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B) स्त्रीलिंग
22. होली आ गई। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B) स्त्रीलिंग
23. गेहँ महँगा मिल रहा है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(A) पुल्लिंग
24. नौकरी में घुस चल रही है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B) स्त्रीलिंग
25. माथे पर राम लंबा टिका लगाता है। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(A)पुल्लिंग
26. मैंने रामायण की टीका लिखी। रेखांकित शब्द का लिंग बताइए।
(A) पुल्लिंग
(B) स्त्रीलिंग
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B)स्त्रीलिंग
27. निम्नांकित में कौन-सा शब्द स्त्रीलिंग है ?
(A) संयम
(B) हिम्मत
(C) चाक्षुक
(D) पनघट
उत्तर⇒(B) हिम्मत
28. निम्नांकित में कौन-सा शब्द पुंल्लिग है ?
(A) अफवाह
(B) अफीम
(C) उबटन
(D) धड़कन
उत्तर⇒(C) उबटन
29. ‘देवर’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
(A) देवरपत्नी
(B) देवरानी
(C) देवरतानी
(D) देवरीनी
उत्तर⇒(B) देवरानी
30. ‘अध्यापक’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
(A) अध्यापिका
(B) अध्यपिक
(C) अध्यापका
(D) अध्यापकी
उत्तर⇒(A)अध्यापिका
31. ‘कवि’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
(A) कवित्री
(B) कवयित्री
(C) कवीत्री
(D) कवियानी
उत्तर⇒(B)कवयित्री
32. ‘गायक’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
(A) गायिकी
(B) गाईका
(C) गाइका
(D) गायिका
उत्तर⇒(D) गायिका
33. ‘जेठ’ का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
(A) जेठिन
(B) जेठराइन
(C) जेठरानी
(D) जेठानी
उत्तर⇒(D) जेठानी
34. ‘नायक’ शब्द का स्त्रीलिंग रूप क्या है ?
(A) नायत
(B) नायका
(C) नायिका
(D) नायिकी
उत्तर⇒(C) नायिका
35. ‘भोर’ कौन-सा लिंग है ?
(A) पुल्लिग
(B) स्त्रीलिंग
(C) नपुंसक लिंग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B) नपुंसक लिंग
36. ‘लाज’ कौन-सा लिंग है ?
(A) पुल्लिग
(B) स्त्रीलिंग
(C) नपुंसक लिंग
(D) इनमें से कोई नहीं
उत्तर⇒(B) स्त्रीलिंग
Class 10th Hindi Grammer Question Answer