Class 10th Hindi Subjective

Class 10th Hindi पाठ – 9 आवियों कक्षा-10 हिन्दी गोधूलि भाग 2 Avenue question answer Bihar board class 10th Hindi

1. आविन्यों क्या है और वह कहाँ अवस्थित है ? हर बरस आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता है ? 
अथवा, आविन्यों में प्रत्येक बर्ष आविन्यों में कब और कैसा समारोह हुआ करता है ? 

उत्तर :- आविन्यों मध्ययुगीन ईसाई मठ है। यह दक्षिणी फ्रांस में अवस्थित है। आविन्यों फ्रांस का एक प्रमुख कलाकेंद्र रहा है। यहाँ गर्मियों में फ्रांस और यूरोप का एक अत्यंत प्रसिद्ध और लोकप्रिय रंग-समारोह प्रतिवर्ष होता है। 

2. नदी तट पर लेखक को किसकी याद आती है और क्यों ? 
अथवा, आविन्यो पाठ के लेखक को नदी तट पर किसकी याद आती है और क्यों ? 

उत्तर :- नदी तट पर लेखक को विनोद कुमार शुक्ल की एक कविता याद आती है। क्योंकि लेखक नदी तट पर बैठकर अनुभव करते हैं कि वे स्वयं नदी हो गये हैं। इसी बात की पुष्टि करते हुए शुक्ल जी ने “नदी-चेहरा लोगों” से मिलने जाने की बात कहते हैं। 

3. नदी के तट पर बैठे हुए लेखक को क्या अनुभव होता है ? 

उत्तर :- नदी के तट पर बैठे हुए लेखक को लगता है कि जल स्थिर है और तट ही बह रहा है। उन्हें अनुभव हो रहा है कि वे नदी के साथ बह रहे हैं। नदी के पास रहने से लगता है कि स्वयं नदी हो गये हैं। स्वयं में नदी की झलक देखते हैं।

4. किसके पास तटस्थ रह पाना संभव नहीं हो पाता और क्यों ? 

उत्तर :- नदी के किनारे और कविता के पास तटस्थ रह पाना संभव नहीं हो पाता। क्योंकि दोनों की अभिभूति से बची नहीं जा सकती। नदी और कविता में हम बरबस ही शामिल हो जाते हैं। निरन्तरता नदी और कविता दोनों में हमारी नश्वरता का अनन्त से अभिषेक करती है। 

5. लेखक आविन्यों क्या साथ लेकर गए थे और वहाँ कितने दिनों तक रहे ? लेखक की उपलब्धि क्या रही ? 

उत्तर :- लेखक आविन्यों में उन्नीस दिनों तक रहे। वे वहाँ अपने साथ हिंदी का टाइपराइटर, तीन-चार पुस्तकें और कुछ संगीत के टेप्स ही ले गए थे। वे उस निपट एकांत में अपने में और लेखन में डूबे रहे । लेखक की उपलब्धि यही रही कि उन्होंने उन्नीस दिनों में पैंतीस कविताएँ और सत्ताईस गद्य रचनाएँ लिखीं।

6. मनुष्य जीवन से पत्थर की क्या समानता और विषमता है ? 

उत्तर :- मानवीय जीवन में सुख और दु:ख के समय व्यतीत होते हैं। जीवन परिवर्तनशील पथ पर अग्रसर होता है । मानव उतार-चढ़ाव देखता है । पत्थर भी मानव की तरह परिवर्तनशील समय का सामना करता है। पत्थर भी शीत और ताप दोनों का सान्निध्य पाता है। मानव अपनी प्राचीन गाथा को गाता है। पत्थर भी प्राचीनता को अपने में सहेजे रखता है। मानव अपनी भावनाओं को प्रकट करता है। परन्तु पत्थर मूक रहता है। 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

1. ‘आविन्यों’ पाठ का सारांश लिखें। 
अथवा, ‘आविन्यों’ में लेखक ने क्या देखा क्या पाया ? वर्णन करें।

उत्तर–आविन्यों फ्रांस में रोन नदी के तट पर बसा एक पुराना शहर है। कभी यह पोप की राजधानी था। आज यह गर्मियों में प्रति वर्ष होने वाले रंग-समारोह का केन्द्र है।  रोन नदी के दूसरी और आविन्यों का एक स्वतंत्र भाग वीलनव्व ल आविन्यों अर्थात् नई बस्ती हैं। पोप की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए फ्रेच शासकों ने यहाँ किला बनवाया था। उसी में अब ईसाई मठ है-ला शत्रूज। क्रांति होने पर आम लोगों ने इस पर कब्जा कर लिया। सदी के आरम्भ में इसका जीर्णोद्वार किया गया और उसमें एक कला-केन्द्र की स्थापना की गई। यहाँ रंगकर्मी, अभिनेता, नाटककार कुछ समय रहकर रचनात्मक कार्य करते हैं। यहाँ अनेक सुविधाएँ हैं- पत्र पत्रिकाओं की दुकान है, एक डिपार्टमेंटल स्टोर, रेस्तराँ आदि। अशोक वाजपेयी को फ्रेंच सरकार ने ला शत्रूज में रहकर कुछ काम करने का न्योता दिया। वे गए और वहाँ उन्नीस दिन रहे और उस निपट एकान्त में पैंतीस कविताएँ और सत्ताइस गद्य रचनाएँ की। दरअसल, आविन्यों फ्रांस का प्रमुख कला-केन्द्र है। सुप्रसिद्ध चित्रकार पिकासो की विख्यात कृति का नाम ही है-‘ला मादामोजेल द आविन्यों।’ यहीं यथार्थवादी आन्द्रे ब्रेताँ, देने शॉ और पाल एलुआर ने संयुक्त रूप से तीस कविताएँ रचीं। इन कविताओं में वहाँ का एकान्त, निबिड़, सुनसान रातें और दिन प्रतिबिंबित हैं। यहाँ के रोन नदी के तट पर बैठना भी नदी के साथ बहना है। नदी किसी की अनदेखी नहीं करती-सबको भिंगोती है। निरन्तरता, नदी ओर कविता दोनों में हमारी नश्वरता का अनन्त से अभिषेक करती है।

2. (i) लेखक आविन्यों किस सिलसिले में गए थे ? वहाँ उन्होंने क्या देखा-सुना ? 

(ii) ला शत्रूज क्या है और वह कहाँ अवस्थित है ? आजकल उसका क्या उपयोग होता है ? 

उत्तर :- (i) लेखक को आविन्यों के कलाकेंद्र में पीटर क्रुक द्वारा की जा रही ‘महाभारत’ की प्रस्तुति में दर्शक की हैसियत से आमंत्रित किया गया था। पत्थरों की एक खदान में, आविन्यों के कुछ किलोमीटर दूर पीटर क्रुक के विवादास्पद ‘महाभारत’ का प्रस्तुतीकरण किया गया था। वह प्रस्तुति सच्चे अर्थों में भव्य और महाकाव्यात्मक थी। लेखक ने देखा कि गर्मियों में आविन्यों के अनेक चर्च और पुरातन ऐतिहासिक महत्त्व के स्थान रंगस्थल में बदल जाते हैं। 

(ii) ला शत्रूज काथूसियन संप्रदाय का एक ईसाई मठ है। यह ‘वीलनव्व ल आविन्यों’ (अर्थात आविन्यों का नया गाँव) में अवस्थित है जो रोन नदी के दूसरी ओर है और लगभग स्वतंत्र है। आजकल इसका उपयोग एक कलाकेंद्र के रूप में होता है। यह केंद्र आजकल रंगमंच और लेखन से जुड़ा हुआ है। यहाँ नाटककार, अभिनेता, गीत-संगीतकार, रंगकर्मी आदि आते हैं और पुराने ईसाई संतों के चैंबर्स में रहकर रचनात्मक लेखन करते हैं। 

3. नदी और कविता में लेखक क्या समानता पाता है ?

उत्तर :- जिस प्रकार नदी सदियों से हमारे साथ रही है उसी प्रकार कविता भी मानव की जीवन-संगिनी रही है। नदी में विभिन्न जगहों से जल आकर मिलते हैं और वह प्रवाहित होकर सागर में समाहित होते रहते हैं। हर दिन सागर में समाहित होने के बावजूद उसमें जल का टोटा नहीं पड़ता । कविता में भी विभिन्न विडम्बनाएँ, शब्द भंगिमा, जीवन छवियाँ और प्रतीतियाँ आकर मिलती और तदाकार होती रहती हैं। जैसे नदी जल-रिक्त नहीं होती, वैसे ही कविता शब्द-रिक्त नहीं होती । इस प्रकार नदी और कविता में लेखक अनेक समानता पाता है।


class 10th hindi subjective question 2022

गोधूलि भाग 2 ( गद्यखंड ) SUBJECTIVE
 1श्रम विभाजन और जाति प्रथा
 2विष के दाँत
 3भारत से हम क्या सीखें
 4नाखून क्यों बढ़ते हैं
 5नागरी लिपि
 6 बहादुर
 7 परंपरा का मूल्यांकन
 8 जित-जित मैं निरखत हूँ
 9आवियों
 10 मछली
 11 नौबतखाने में इबादत
 12 शिक्षा और संस्कृति
गोधूलि भाग 2 ( काव्यखंड ) SUBJECTIVE
 1 राम बिनु बिरथे जगि जनमा
2 प्रेम-अयनि श्री राधिका
3अति सूधो सनेह को मारग है
4स्वदेशी
5भारतमाता
6जनतंत्र का जन्म
7हिरोशिमा
8एक वृक्ष की हत्या
9हमारी नींद
10अक्षर-ज्ञान
11लौटकर आऊंगा फिर
12मेरे बिना तुम प्रभु