4. हमारी वित्तीय संस्थाएँ ( लघु उत्तरीय प्रश्न )
1. राज्य की वित्तीय संस्थान को कितने भागों में बाँटा जाता है ? संक्षिप्त वर्णन करें। ?
उत्तर :- राज्य की वित्तीय संस्थानों को दो भागों में बाँटा गया है
(i) संस्थागत वित्तीय संस्थान-इनके अंतर्गत सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इत्यादि हैं।
(ii) गैर-संस्थागत वित्तीय संस्थान—इनके अंतर्गत सेठ-साहूकार, महाजन, व्यापारी एवं रिश्तेदारों को रखते हैं।
2. अर्द्धसरकारी वित्तीय संस्थाएँ किसे कहा जाता है ?
उत्तर-अर्द्धसरकारी वित्तीय संस्थाएँ उन संस्थाओं को कहते हैं जो भारत के केंद्रीय बैंक के दिशा-निर्देश में स्थापित मापदंडों द्वारा समाज के लोगों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, जैसे क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, बिहार राज्य कॉपरेटिव बैंक, राज्य भूमि विकास बैंक इत्यादि।
3. वित्तीय संस्थान से आप क्या समझते हैं ? यह कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर :- आर्थिक विकास के लिए जो संस्थाएँ वित्त की व्यवस्था कृषि, उद्यमी और व्यवसायी के लिए उपलब्ध कराती है, वित्तीय संस्थाएँ कहलाती हैं। – यह दो प्रकार की वित्तीय संस्थाएँ होती हैं
(i) राष्ट्रीय वित्तीय संस्थाएँ –
(क) भारतीय मुद्रा बाजार
(ख) भारतीय पूँजी बाजार।
(ii) राज्य स्तरीय वित्तीय संस्थाएँ ।
(क) गैर संस्थागत वित्तीय संस्थाएँ
(ख) संस्थागत वित्तीय संस्थाएँ।
4. वित्तीय संस्थाओं को किस प्रकार विभाजित किया जाता है ?
उत्तर :- वित्तीय संस्थाओं को दो वर्गों में बाँटा गया है-
(i) वे सभी वित्तीय संस्थाएँ जो मुद्रा बाजार से हैं,
(ii) वे वित्तीय संस्थाएँ जो पूँजी बाजार से संबंधित है।
5. सहकारिता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर :- सामान्य अर्थों में सहकारिता का अर्थ है – एक साथ मिल – जुल कर कार्य करना। लेकिन अर्थशास्त्र में सहकारिता की परिभाषा इस प्रकार दी जा सकती है —“ सहकारिता वह संगठन है जिनके द्वारा दो या दो से अधिक व्यक्ति स्वेच्छापूर्वक मिल-जुलकर समान स्तर पर आर्थिक-हितों की वृद्धि करते हैं। इस प्रकार सहकारिता उस आर्थिक व्यवस्था को कहते हैं जिसमें मनुष्य किसी आर्थिक उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिल-जुलकर कार्य करते हैं।
6. सहकारिता के क्षेत्र में सहकारी बैंकों के तीन रूप कौन-कौन से हैं ?
उत्तर :- हमारे देश में इन बैंकों के तीन मुख्य रूप हैं. केंद्रीय सहकारी बैंक, राज्य सहकारी बैंक तथा भूमि विकास बैंक
7. सहकारिता का तीन मुख्य सिद्धांतं कौन से हैं ?
उत्तर :- सहकारिता “सब प्रत्येक के लिए और प्रत्येक सबके लिए है” के सिद्धांत पर कार्य करता है। इसके मुख्य सिद्धांत हैं
(i) अपनी इच्छा से सदस्यता,
(ii) लोकतांत्रिक प्रक्रिया द्वारा प्रबंधन एवं संचालन,
(iii) आर्थिक के साथ-साथ सामाजिक कार्य भी करना।
8. स्वयं सहायता समूह क्या है ?
उत्तर :- ग्रामीण या शहरी क्षेत्र में छोटी बचत करने वाले 15-20 व्यक्तियों का वह समूह जो अपने सदस्यों को उनके निजी एवं व्यावसायिक जरूरतों के लिए ब्याज पर ऋण देता है, स्वयं सहायता समूह (SHG) कहलाता है। यह समूह बैंक से ऋण लेकर अपने सदस्यों को मदद करता है। इनकी ब्याज दर महाजन / साहुकार द्वारा लिए जानेवाले ब्याज से कम होती है।
9. असंगठित क्षेत्र के वित्तीय संस्थाओं की सबसे बड़ी समस्या क्या है ?
उत्तर—असंगठित क्षेत्र के वित्तीय संस्थाओं की सबसे बड़ी समस्या है कि इन पर रिजर्व बैंक का नियंत्रण नहीं है। जिसके कारण ये मनमानी कर पाते हैं।
10. केंद्रीय बैंक के क्या कार्य हैं ?
उत्तर :- यह देश के शीर्ष बैंकिंग संस्था के रूप में बैंकिंग वित्तीय और आर्थिक क्रियाओं का दिशा-निर्देश एवं संचालन में सहयोग करती है।
11. व्यावसायिक बैंक कितने प्रकार से जमा राशि स्वीकार करते हैं ?
उत्तर–व्यावसायिक बैंक चार प्रकार से जमा राशि स्वीकार करते हैं
(i) स्थायी जमा,
(ii) चालू जमा,
(iii) संचयी जमा तथा
(iv) आवर्ती जमा ।
12. व्यावसायिक बैंक एजेंसी के रूप में कौन-कौन से कार्य करते हैं ?
उत्तर-व्यावसायिक बैंक एजेंसी के रूप में निम्न कार्य करते हैं
(i) ब्याज तथा लाभांश का संकलन एवं वितरण। :
(ii) ब्याज, ऋण के किस्त, बीमों के किस्त का भुगतान।
(iii) प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय।
(iv) चेक, बिल व ड्राफ्ट का संकलन इत्यादि।
13. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों की आवश्यकता पर प्रकाश डालें ?
उत्तर :- क्षेत्रीय बैंक मुख्य रूप से सीमान्त एवं छोटे किसानों, कारीगरों तथा अन्य कमजोर वर्ग की जरूरतों को पूरा करने के उद्देश्य से कार्य करते हैं। इनकी स्थापना सन् 1975 में की गई थी। देश में अभी कुल 196 क्षेत्रीय बैंक कार्यरत हैं।
14. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को कब और क्यों प्रारंभ किया गया था ?
उत्तर :- इसकी शुरुआत सन् 1975 में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के नाम से की गयी थी। इन बैंकों को मुख्य रूप से सीमांत कृषकों, कारीगरों इत्यादि को ऋण प्रदान करना था।
15. देशी बैंकर किसे कहते हैं ?
उत्तर :- देशी बैंकर के अंतर्गत वैसे वित्त प्रदाता लोगों को शामिल किया जाता है जो बैंकों के अतिरिक्त, पारंपरिक तरीकों से ऋण देते हैं, जैसे महाजन, सेठ, साहुकार इत्यादि। ये सबसे ज्यादा प्रचलित ग्रामीण इलाकों में हैं।
16. मुद्रा बाजार को किस प्रकार विभाजित किया गया है ?
उत्तर :- मुद्रा बाजार को दो भागों में बाँटा गया है
(i) आधुनिक अथवा संगठित क्षेत्र,
(ii) देशी अथवा असंगठित क्षेत्र।
17. भारतीय मुद्रा बाजार किसे कहते हैं ?
उत्तर :- उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र के लिए अल्पकालीन, मध्यकालीन वित्तीय व्यवस्था एवं प्रबंधन को भारतीय मुद्रा बाजार कहते हैं।
18. चालू खाता किसे कहा जाता है ?
उत्तर :- यह वह खाता है जिसमें जमा की गई रकम जब चाहे निकाली. जा सकती है। चालू खाते की जमाएँ चालू जमाएँ कहलाती है।
19. पूँजी बाजार किसे कहा जाता है ?
उत्तर :- जहाँ कंपनियों तथा औद्योगिक इकाइयों के लिए दीर्घकालीन वित्तीय व्यवस्था की जाती है, उसे पूँजी बाजार कहा जाता है।
20. स्थायी जमा (Fixed Deposits) किसे कहते हैं ?
उत्तर :- जब बैंक के पास कोई रकम एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं और उसे उस निश्चित अवधि से पूर्व नहीं निकाल सकते, उसे स्थायी जमा कहते हैं।
21. किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता क्यों होती है ?
उत्तर :- किसान अनेक प्रकार के आर्थिक तंगी से जुझ रहे होते हैं। इसके बावजूद कृषक कृषि पर धन लगाने को विवश हैं। उन्हें खेतों की जुताई के लिए मजदर बीजों की खरीदारी उर्वरक एवं कीटनाशक की खरीदारी, सिचाइ माप के लिए धन की जरूरत होती है। इसके अलावा उनके या उनके पूर्वजा का भी महाजनों से कर्ज लिए गए होते हैं। उपर्युक्त सभी कारणों से किसानों को साख अथवा ऋण की आवश्यकता होता है।
22. नाबार्ड किया है ?
उत्तर :- देश में कृषि तथा ग्रामीण विकास के लिए पूनर्वित प्रदान करनेवाली शिखर की संस्था है।
23. भूमि विकास बैंक क्या है ?
उत्तर :- भूमि विकास बैंक एक वित्तीय संस्था है जो किसानों को दीर्घकालीन वित्तीय आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सरकार द्वारा स्थापित की गई है। इस भूमि बंधक बैंक भी कहा जाता है।
24. NABARD (नाबार्ड) के विस्तारित रूप लिखें ?
उत्तर :- नाबार्ड (National Bank for Agricultural and Rural Development)-कृषि एवं ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय बैंक।
25. सूक्ष्म वित्त योजना को परिभाषित करें ?
उत्तर :- सूक्ष्म वित्त योजना के द्वारा गाँव, कस्बा और जिला में गरीब जरूरतमंद लोगों को स्वयं सहायता समूह के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जाता है। इससे छोटे पैमाने पर कम ब्याज पर साख अथवा ऋण की सुविधा प्रदान होती है।
26. दलाल स्ट्रीट किसे कहा जाता है ?
उत्तर :- मुंबई में जिस जगह पर इस पूँजी बाजार का प्रधान क्षेत्र है उसे दलाल स्ट्रीटं कहते हैं।
27. दीर्घकालिक ऋण किसे कहा जाता है ?
उत्तर :- किसान जब भूमि पर स्थायी सुधार करने, नलकूप लगाने, ट्रैक्टर आदि के लिए ऋण लेते हैं तो उसे चुकाने में पाँच वर्षों से भी ज्यादा समय लग जाता है अर्थात् इस प्रकार के कार्य करने में 5 से 20 वर्षों तक का समय लग जाता है। इसे ही दीर्घकालिक ऋण कहते हैं।
28 ओवर ड्राफ्ट प्रणाली का क्या अर्थ है ?
उत्तर :- ओवर ड्राफ्ट प्रणाली के अंतर्गत चालू खाते के जमाकर्ताओं को अपनी जमाराशि के ऊपर भी एक निशिचत सीमा तक रकम निकालने की अनुमति दे दी जाती है।
Geography ( भूगोल ) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | भारत : संसाधन एवं उपयोग |
2 | कृषि ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
3 | निर्माण उद्योग ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
4 | परिवहन, संचार एवं व्यापार |
5 | बिहार : कृषि एवं वन संसाधन |
6 | मानचित्र अध्ययन ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
History ( इतिहास ) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | यूरोप में राष्ट्रवाद |
2 | समाजवाद एवं साम्यवाद |
3 | हिंद-चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन |
4 | भारत में राष्ट्रवाद |
5 | अर्थव्यवस्था और आजीविका |
6 | शहरीकरण एवं शहरी जीवन |
7 | व्यापार और भूमंडलीकरण |
8 | प्रेस-संस्कृति एवं राष्ट्रवाद |
Political Science लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | लोकतंत्र में सत्ता की साझेदारी |
2 | सत्ता में साझेदारी की कार्यप्रणाली |
3 | लोकतंत्र में प्रतिस्पर्धा एवं संघर्ष |
4 | लोकतंत्र की उपलब्धियाँ |
5 | लोकतंत्र की चुनौतियाँ |
Economics ( अर्थशास्त्र ) लघु उत्तरीय प्रश्न
1 | अर्थव्यवस्था एवं इसके विकास का इतिहास |
2 | राज्य एवं राष्ट्र की आय |
3 | मुद्रा, बचत एवं साख |
4 | हमारी वित्तीय संस्थाएँ |
5 | रोजगार एवं सेवाएँ |
6 | वैश्वीकरण ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) |
7 | उपभोक्ता जागरण एवं संरक्षण |
Aapda Prabandhan Subjective 2022
1 | प्राकृतिक आपदा : एक परिचय |