Class 10th Hindi Grammar ( हिंदी व्याकरण ) 11.अव्यय
परिभाषा – अव्यय का अर्थ है जिसका कुछ व्यय न हो। अतः अव्यय वे शब्द हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, काल आदि व्याकरणिक कोटियों के प्रभाव से कोई परिवर्तन नहीं होता। जैसे-आज, कल, तेज, धीरे, किन्तु, पर आदि।
1. अव्यय के पाँच भेद होते हैं –
1.क्रिया-विशेषण – जो अव्यय शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें क्रिया-विशेषण अव्यय कहते हैं। जैसे-रमा तेज दौड़ती है। यहाँ ‘तेज’ अव्यय ‘दौड़ना’ क्रिया की विशेषता बताता है। अतः क्रिया-विशेषण अव्यय है।
क्रिया – विशेषण अव्यय पाँच प्रकार के होते हैं। यथा –
(i) कालवाचक – जिससे समय का बोध हो-अब, तब, आज, कल, परसों, फिर, कभी, अभी, दिनभर, प्रतिदिन और सदा आदि।
(ii) स्थानवाचक- जिससे जगह, स्थान का बोध हो-अन्यत्र, यहाँ, वहाँ, कहाँ, इधर, उधर, बाहर, आगे, पीछे, किधर।
(iii) रीतिवाचक – नि:संदेह, अवश्य, वास्तव में, यथासंभव, कदाचित, अचानक, अनायास, झटपट, ऐसे, वैसे, जैसे, तैसे, हाँ, सच, नहीं, मत, ठीक, जी हाँ, तो, ही, बस, इसलिए, अतः आदि।
(iv) परिणामवाचक – जिससे परिमाण या मात्रा का बोध हो-बहुत, थोड़ा, खूब, कुछ, लगभग, अधिक, कम, इतना, केवल, कितना, जितना आदि।
(v) प्रश्नवाचक – जिससे प्रश्न का बोध हो-कब, कहाँ, कैसे, क्यों।
2: सम्बन्धबोधक – जो अव्यय वाक्य के पदों को एक-दूसरे से सम्बन्ध बतलाते हैं, सम्बन्धबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे- गणेश की बुद्धि के आगे सभी नतमस्तक हैं। यहाँ ‘आगे’ सम्बन्धबोधक अव्यय है क्योंकि गणेश की बुद्धि और लोगों के नतमस्तक होने का सम्बन्ध बतलाता है। अन्य सम्बन्धबोधक उपरान्त, ऊपर, नीचे, नजदीक, संग आदि।
3. समुच्चयबोधक – जो अव्यय दो शब्द, वाक्यांशों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं, वे समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे- हमें अपने देश और अपनी संस्कृति पर गर्व है। यहाँ ‘और’ समुच्चयबोधक अव्यय है क्योंकि दो वाक्योंशों को जोड़ता है।
समुच्चयबोधक अव्यय हैं-तथा, और, या, परन्तु, बल्कि, ताकि, इसलिए, यद्यपि और कि आदि।
4. विस्मयादिबोधक – जो अव्यय हर्ष, शोक, आश्चर्य, तिरस्कार तथा सम्बोधन आदि मनोभावों को प्रकट करते हैं, विस्मयादिबोधक अव्यय कहते हैं। जैसे- अहा ! कितना मनोरम दृश्य है (हर्ष)। हाय ! इसकी दशा कितनी दुर्लभ है (करुणा)। विस्मयादिबोधक अव्यय हैं-अहा, हाय, वाह, अजी, भला और छि आदि।
5. निपात – वैसे अव्यय जो वाक्य में किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष बल देते हैं. उन्हें निपात कहते हैं। जैसे- क्या आप भी मुम्बई चलेंगे। वहाँ मत जाओ। यहाँ ‘भी’ और ‘मत’ विशेष बल डालते हैं, अतः निपात हैं।
प्रमुख निपात इस प्रकार अनलिखित हैं-
(क) स्वीकारार्थक निपात – इनसे स्वीकार या स्वीकृति का बोध होता है।जैसे- हाँ, जी हाँ, जी।
(ख) नकारार्थक निपात – इनमें अस्वीकृति का बोध होता है। जैसे-जी नहीं, नहीं, न।
(ग) निषेधबोधक निपात – इनसे मनाही का बोध होता है। जैसे-मत, नहीं।
(घ) प्रश्नबोधक, निपात – इनसे प्रश्न किये जाते हैं। जैसे– क्या, कौन, किस।
(ङ) बलप्रदायीं निपात – इनसे किसी बात पर बल पड़ता है। जैसे-तो, ही, भी, . . तक, सिर्फ, भर, केवल।
(च) तुलनाबोधक निपात – इनसे तुलना की जाती है। जैसे-सा।
(छ) अवधारणाबोधक निपात – इनसे अवधारणा का बोध होता है। जैसे लगभग, ठीक, करीब, तकरीबन।
(ज) आदरबोधक निपात – इनसे आदर की भावना प्रकट होती है। जैसे-जी।
(झ) विस्मयादिबोधक निपात – इससे विस्मय प्रकट होता है। जैसे- काश ! अहा ! वाह ! तो! ओ हो !
बहुवैकल्पिक प्रश्नोत्तर
1. “वाह-वाह !’ अव्यय है
(A) आश्चर्यबोधक
(B) शोकबोधक
(C) स्वीकारबोधक
(D) हर्षबोधक
उत्तर⇒(D) हर्षबोधक
2. अव्यय वे शब्द हैं जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, काल आदि व्याकरणिक कोटियों के प्रभाव से कोई परिवर्तन नहीं होता, कहलाता है
(A) अव्यय
(B) संज्ञा
(C) सर्वनाम
(D) विशेषण
उत्तर⇒(A) अव्यय
3. जो अव्यय शब्द क्रिया की विशेषता प्रकट करते हैं, उन्हें कहते हैं-
(A) क्रियाविशेषण
(B) संबंधबोधक
(C) समुच्चय बोधक
(D) विस्मयादिबोधक
उत्तर⇒(A) क्रियाविशेषण
4. जिस अव्यय से समय का बोध हो, कहलाता है-
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(A) कालवाचक
5. अव्यय के कितने भेद होते हैं ?
(A) चार
(B) पाँच
(C) तीन
(D) दो
उत्तर⇒(B) पाँच
6. जिस अव्यय से जगह, स्थान का बोध हो, कहलाता है
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(B) स्थानवाचक
7. जिस अव्यय से रीति का बोध हो, कहलाता है
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(C) रीतिवाचक
8. जिस अव्ययं से परिमाण या मात्रा का बोध हो, कहलाता है
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिमाणवाचक
उत्तर⇒(D) परिमाणवाचक
9. जिस अव्ययं से प्रश्न का बोध हो, कहलाता है
(A) कालवाचक
(B) प्रश्नवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(B) प्रश्नवाचक
10. जो अव्यय वाक्य के पदों में एक-दूसरे से संबंध बतलाते हैं, कहलाते हैं
(A) क्रियाविशेषण
(B) संबंधबोधक
(C) समुच्चय बोधक
(D) विस्मयादिबोधक
उत्तर⇒(B) संबंधबोधक
11. जो अव्यय दो शब्द, वाक्यांशों अथवा वाक्यों को जोड़ते हैं, वे कहलाते हैं
(A) क्रियाविशेषण
(B) संबंधबोधक
(C) समुच्चय बोधक
(D) विस्मयादिबोधक
उत्तर⇒(C) समुच्चय बोधक
12. जो अव्यय हर्ष, शोक, आश्चर्य, तिरस्कार तथा सम्बोधन आदि मनोभावों को प्रकट करते हैं, कहलाते हैं
(A) क्रियाविशेषण
(B) संबंधबोधक
(C) समुच्चय बोधक
(D) विस्मयादिबोधक
उत्तर⇒(D) विस्मयादिबोधक
3. वैसे अव्यय जो वाक्य में किसी शब्द या पद के बाद लगकर उसके अर्थ में विशेष बल देते हैं, उन्हें कहते हैं
(A) क्रियाविशेषण
(B) निपात
(C) समुच्चय बोधक
(D) विस्मयादिबोधक
उत्तर⇒(B) निपात
14. जिस निपात से स्वीकार या स्वीकृति, का बोध होता है, कहलाता है
(A) स्वीकारार्थक निपात
(B) नकारार्थक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(A) स्वीकारार्थक निपात
15. जिस निपात से अस्वीकार का बोध होता है, कहलाता है-
(A) स्वीकारार्थक निपात
(B) नकारार्थक निंपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(B) नकारार्थक निंपात
16. जिस निपात से मनाही का बोध होता है, कहलाता है
(A) स्वीकारार्थक निपात
(B) नकारार्थक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(C) निषेधबोधक निपात
17. जिस निपात से प्रश्न का बोध होता है, कहलाता है
(A) स्वीकारार्थक निपात
(B) नकारार्थक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(D) प्रश्नबोधक निपात
18. जिस निपात से किसी बात पर बल पड़ता है, कहलाता है
(A) बलप्रदायी निपात
(B) नकारार्थक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(A) बलप्रदायी निपात
19. जिस निपात से तुलना की जाती है, कहलाता है
(A) बलप्रदायी निपात
(B) तुलनाबोधक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(B) तुलनाबोधक निपात
20. जिस निपात से अवधारणा का बोध हो, कहलाता हैं
(A) बलप्रदायी निपात
(B) अवधारणा बोधक निपात
(C) तुलनाबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(B) अवधारणा बोधक निपात
21. जिस निपात से आदर की भावना प्रकट होती है, कहलाता है “
(A) बलप्रदायी निपात
(B) तुलनाबोधक निपात
(C) आदरबोधक निपात
(D) प्रश्नबोधक निपात
उत्तर⇒(C) आदरबोधक निपात
22. जिस निपात से विस्मय प्रकट होता है, कहलाता है-
(A) बलप्रदायो निपात
(B) तुलनाबोधक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) विस्मयादिबोधक निपात
उत्तर⇒(D) विस्मयादिबोधक निपात
23. परीक्षा में चोरी मत करो। यहाँ “मत’ कौन-सा निपात है ?
(A) बलप्रदायी निपात
(B) तुलनाबोधक निपात
(C) निषेधबोधक निपात
(D) विस्मयादिबोधक निपात
उत्तर⇒(C) निषेधबोधक निपात
24. आप ही कल आए थे। ‘ही’ कौन सा निपात है ?
(A) बलप्रदायी निपात
(B) तुलनाबोधक निपात
(C) बलप्रदायक निपात
(D) विस्मयादिबोधक निपात
उत्तर⇒(C) बलप्रदायक निपात
25. कर्ण-सा दानवीर कौन है ? इसमें कौन-सा निपात है ?
(A) बलप्रदायी निपात
(B) सादृश्यताबोधक निपात
(C) बलप्रदायक निपात
(D) विस्मयादिबोधक निपात
उत्तर⇒(B) सादृश्यताबोधक निपात
26. काश! आज वर्षा होती? काश ! कौन-सा निपात है ?
(A) बलप्रदायी निपात
(B) तुलनाबोधक निपात
(C) बलप्रदायक निपात
(D) विस्मयादिबोधक निपात
उत्तर⇒(D) विस्मयादिबोधक निपात
27. ‘थोड़ा-सा’ कौन निपात है ?
(A) आदरबोधक
(B) परिणामबोधक
(C) स्वीकारार्थक
(D) निषेधबोधक
उत्तर⇒(B) परिणामबोधक
28. “कभी’ कौन-सा अव्यय है ?
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(A) कालवाचक
29. ‘बाहर’ कौन-सा अव्यय है ?
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(B) स्थानवाचक
30. ‘वैसे’ कौन-सा अव्यय है ?
(A) कालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(C) रीतिवाचक
31. ‘कुछ’ कौन-सा अव्यय है ?
(A) क़ालवाचक
(B) स्थानवाचक
(C) रीतिवाचक
(D) परिणामवाचक
उत्तर⇒(D) परिणामवाचक
32. ‘हाँ !’ कौन-सा निपात है ?
(A) आदरबोधक
(B) तुलनाबोधक
(C) स्वीकारार्थक
(D) निषेधबोधक
उत्तर⇒(C) स्वीकारार्थक
33. “जी, नहीं !’ कौन-सा निपात है ?
(A) आदरबोधक
(B) तुलनाबोधक
(C) स्वीकारार्थक
(D) नकारार्थक
उत्तर⇒(D) नकारार्थक
34. “कौन’ कौन-सा निपात है ?
(A) आदरबोधक
(B) प्रश्नबोधक
(C) स्वीकारार्थक
(D) निषेधबोधक
उत्तर⇒(B) प्रश्नबोधक
35. ‘सा’ कौन-सा निपात है ?
(A) आदरबोधक
(B) सादृश्यताबोधक
(C) स्वीकारार्थक
(D) निषेधबोधक
उत्तर⇒(B) सादृश्यताबोधक
Class 10th Hindi Grammer Question Answer