Class 10th Science Subjective

विधुत धारा ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) Vidyut Dhara question answer-class 10th science question answer for Matric exam 2022

Vidyut Dhara question answer class 10th Matric exam 2022 . class 10th science vvi question of vidyut dhara question answer in hindi. क्लास 10th विज्ञान विद्युत धारा का प्रश्न है। जो मैट्रिक परीक्षा 2022 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। class 10th science objective question 2022 क्लास 10th भौतिक विज्ञान अति लघु उत्तरीय क्वेश्चन विद्युत धारा मैट्रिक परीक्षा 2022


1. विधुत शक्ति क्या है ? निगमन करे H= I 2Rt  जहाँ H ,किसी प्रतिरोधक R में विधुत धारा द्विारा I  समय t में उत्पन्न ऊष्मा की मात्रा है।

उत्तर ⇒ कार्य करने की दर को शक्ति कहते हैं। अगर कोई कार्यकर्ता t सेकेण्ड में W कार्य करे तो

शक्ति =  W/t

अथवा ऊर्जा के उपभुक्त होने की दर को शक्ति कहते हैं।

शक्ति P को इस प्रकार व्यक्त करते हैं –

P = VI

अथवा P = VI = I2R =V2 /R

इसका S.I मात्रक वाट है।

जब किसी चालक से विधुत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक में विधुत ऊर्जा ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है जिससे चालक गर्म हो जाता है। इसे विधुत धारा का उष्मीय प्रभाव कहा जाता है।

जब किसी चालक से विधुत धारा का प्रवाह होता है तो धारावाही इलेक्ट्रोन तार के धनायन से टकराते हैं जिससे धनायनों की ऊर्जा दुगुनी बढ़ जाती है। यह ऊर्जा तार में ताप के रूप में प्रकट होती है। इलेक्ट्रॉन के प्रवाह में धनायन द्वारा प्रस्तुत किये गये बाधा को प्रतिरोध कहा जाता है।

Also Read : class 10th science objective

2. (a) ओम के नियम के अध्ययन के लिए विधुत परिपथ खींचें।
 (b) ओम के नियम को सत्यापित करने वाले V-Iग्राफ को खींचेंऔर उस ग्राफ की प्रकृति को लिखें। 

उत्तर ⇒

अतः ओम के नियम की सत्यता की जाँच हो जाती है। अगर विभवांतर को x-अक्ष पर और धारा को y-अक्ष पर लेकर एक ग्राफ खींचा जाये, तो यह ग्राफ एक सरल रेखा प्राप्त होती है तथा मूल बिंदु से ग्राफ गुजरता है। अतः ओम के नियम की सत्यता की जाँच हो जाती है।


3. प्रतिरोध किसे कहते हैं? प्रतिरोध का ST मात्रक लिखें। किसी चालक का प्रतिरोध किन-किन कारकों पर निर्भर करता है ?

उत्तर ⇒विधुत परिपथ में धारा कम करने के गुण को प्रतिरोध कहा जाता है। यह गुण तार के अंदर और सेल के अंदर भी होता है। किसी तार में प्रतिरोध के गुण के कारण इसे प्रतिरोधक कहा जाता है।

किसी प्रतिरोधक का प्रतिरोध निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है-

(i) तार की लंबाई (l)

(ii) तार के अनुप्रस्थ काट का क्षेत्रफल (A)

(iii) तार के पदार्थ की प्रकृति जिसे इस पदार्थ की विशिष्ट प्रतिरोध कहा जाता है। विशिष्ट प्रतिरोध को सामान्य चिह्न (p) से सूचित किया जाता है।

 

 

प्रतिरोध का SI मात्रक ओम (Ω) है तथा प्रतिरोधकता का SI मात्रक ओम मीटर है।


4. श्रेणीक्रम में जुड़े तीन-प्रतिरोधकों के समतुल्य प्रतिरोध के लिए एक व्यंजक प्राप्त करें।

उत्तर ⇒तीन प्रतिरोधक R 1, R2 , और R3  विद्युत परिपथ में श्रेणीक्रम में संयोजित हैं। परिपथ में आमीटर श्रेणीक्रम में संयोजित है।

R1 प्रतिरोधक के बीच विभवांतर V1 = IR1
R2 प्रतिरोधक के बीच विभवांतर  V2 = IR2
R3 प्रतिरोधक के बीच विभवांतर V3 = IR3
तथा कुल विभवांतर = V = IR (R = समतुल्य प्रतिरोध)समतुल्य पर्तिरोध

हम जानते हैं कि, V = V1 + V2 + V3
इसलिए IR = IR1 + IR2 + IR3
IR = I (R1 + R2 + R3)

इसलिए R = R1 + R2 + R3 समतुल्य प्रतिरोध = सभी प्रतिरोधों का योग।


5. समतुल्य प्रतिरोध का मान ज्ञात करें।

उत्तर ⇒समतुल्य चित्र

स्तरों ब्रिज


6. जूल का उध्मीय नियम क्या है ? H = I 2Rt सूत्र का निगमन करें।

उत्तर ⇒जब किसी चालक से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो चालक में विद्युत ऊर्जा ऊष्मा के रूप में प्रकट होती है जिससे चालक गर्म हो जाता है। इसे विद्युत धारा का ऊष्मीय प्रभाव कहा जाता है।
जब चालक से विद्युत धारा का प्रवाह होता है तो धारावाही इलेक्ट्रोन तार के धनायन से टकराते हैं जिससे धनायनों की ऊर्जा दुगनी बढ़ जाती है। यह ऊर्जा तार में ताप के रूप में प्रकट होती है। इलेक्ट्रोन के प्रवाह में धनायन द्वारा प्रस्तुत किये | गये बाधा को प्रतिरोध कहा जाता है।

जुल का उस्मिये नियनियम क्या है

माना कि AB एक चालक है। जिसकी प्रतिरोध R है तथा इसके सिरों पर विभवांतर v है। अतः तार से T

समय में प्रवाहित धारा I = q/T

इसलिए         q= IT
q आवेश को एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानान्तरित करने में की गई कार्य
W=qV
यही कार्य ऊर्जा के रूप में परिलक्षित होती है।
अतः W = H = qV = ITV
ओम के नियम से V = IR
इसलिए     H = IT• IR

H = 12RT
जूल ने इस नियम की व्याख्या जिस प्रकार की उसे जूल का नियम कहते हैं।
H∝ IR2 जब R एवं T अचर हों, इसे धारा का नियम कहा जाता है।
H∝ R जब I एवं T अचर हों, इसे प्रतिरोध का नियम कहा जाता है।
H ∝T जंब I एवं R अचर हों, इसे समय का नियम कहा जाता है।


7. विभव और विभवांतर पदों की व्याख्या कीजिए।

उत्तर ⇒प्रत्येक आवेश अपने चारों ओर प्रभाव क्षेत्र बनाता है। आवेश के नजदीक वाले क्षेत्र में प्रभाव अधिक और दूर वाले क्षेत्र में प्रभाव कम होता है। आवेश की इसी प्रभाव को मापने के लिए विभव शब्द का प्रयोग किया गया है।
किसी आवेश के कारण दूर के बिन्दु पर विभव शून्य और समीप के बिन्दु पर विभव अधिक होता है। माना कि कोई आवेश Q से कुछ दूरी पर एक बिन्दु P पर कोई इकाई आवेश है। अब इस इकाई आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाया जा रहा है। इकाई आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाने में आवेश Q से इस इकाई आवेश पर बल लगता रहता है। इकाई आवेश को अनंत से P बिन्दु तक लाने में इस विद्युत बल के विरुद्ध कुछ कार्य करना पड़ता है। इसी कार्य को P बिन्दु का विभव कहा जाता है।
अतः किसी बिन्दु P का विभव इकाई धन आवेश को अनंत से उस बिन्दु तक लाने में किया गया कार्य है।

वोल्टअगर किसी बिन्दु का विभव 10 वोल्ट है तो इसका अर्थ है कि इकाई धन आवेश को अनंत से उस बिन्दु तक लाने में किसी कर्ता को 10 जूल कार्य करना पड़ेगा। अर्थात् कर्त्ता 10 जूल कार्य करेगा अथवा 10 जूल ऊर्जा खर्च करेगा। दो बिन्दुओं का विभवांतर इकाई धन आवेश को एक बिन्दु से दूसरे बिन्द तक लाने में किए गए कार्य के बराबर होता है।
अगर किसी चालक तार की दो सिरों के बीच का विभवांतर 10 वोल्ट हो तो इकाई धन आवेश को तार के एक सिरे से दूसरे सिरे तक लाने में 10 जल कार्य करना होगा। यदि दो बिन्दुओं के बीच इकाई आवेश कूलंब ले जाने में । जल का कार्य होता है तो दोनों बिन्दुओं के बीच का विभवांतर 1 वोल्ट होगा।
SI पद्धति में विभवांतर की इकाई भी जुल/कूलंबअर्थात बोल्ट होगा ।सेल या बैटरी एक ऐसी ही युक्ति है जो बिधुत के बीच विभवांतर पैदा करता है।


8. शुष्क सेल की संरचना और उसका कार्य लिखिए।

उत्तर ⇒शुष्क सेल लक्लांची सेल का सुधरा हुआ रूप है। जिस धातु के एक छोटे बर्तन में कार्बन की छड़ ली जाती है जिसे MnO2 और चारकोल के चूरे से मलमल के कपड़े के द्वारा ढांप दिया जाता है। इसे जिस्त की डिब्बों के बीचो-बीच रखा जाता है। जिस्त ऋणाग्र का काम करता है और कार्बन की छड हनान का । इसमें विलायक के रूप में NH2Cl और ZnCl2 को डाला जाता है। MnO2 हाइड्रोजन गैस को बनने से रोकता है । जिस्त की डिब्बों को भली-भांति बंद कर दिया जाता है ताकि अंदर हवा न जा सके।

cell

क्रिया – सेल में निम्नलिखित क्रिया होती है –

Zn → Zn ++ + 2e
NH 4Cl → NH 4 + Cl
इलैक्ट्रॉन गति करते हैं और घोल में प्रविष्ट हो जाते हैं । (अमोनियम के आयन कार्बन को आकृष्ट करते हैं तथा. एनोड से इलेक्ट्रॉन को दूर करते हैं)
2NH4 + 2e → 2NH3 + H2O (एनोड पर)

इसमें जो हाइड्रोजन उत्पन्न होती है उसका MnO2 के द्वारा प्रयोग कर लिया जाता है।

H2 + MnO2 → Mn2O 3 + H2O
जिंक आयन क्लोरीन से क्रिया करके ZnCl2 बनाते हैं।

Zn++ + 2CI → ZnCl2
इस सैल का e.m.f. 1.45 V होता है।


9. पार्श्वक्रम संयोजन किसे कहते हैं ? प्रतिरोधकों R 1 R 2 तथा R 3 को पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर समतुल्य प्रतिरोध का व्यंजक प्राप्त करें।अथवा, समानांतर श्रेणी में संयोजित दो प्रतिरोधों का तुल्य प्रतिरोध ज्ञात करें।

उत्तर ⇒जब तीनों प्रतिरोधकों के प्रथम सिरों को एक बिन्दु पर एवं दूसरे सिरों को एक बिन्दु पर जोड़कर परिपथ पूरा किया जाता है तब इस प्रकार जोड़ने की विधि को पार्श्वक्रम संयोजन कहा जाता है।

पर्तिरोधक

संयोजक तार से चित्रानुसार परिपथ पूरा करते हैं। प्लग में कुँजी लगाकर एमीटर से धारा I एवं वोल्टामीटर से विभवान्तर V ज्ञात करते हैं। माना प्रत्येक प्रतिरोधी तारों का प्रतिरोध क्रमश: R1, R2 एवं R3 तथा संगत धारा क्रमशः I1, I2 एवं I3 है।

इसलिए :-  I = I1 + I2 +I3
माना प्रतिरोधकों के पार्श्व संयोजन का समतुल्य प्रतिरोध R है।
ओम के नियम से,


10. S.I. मात्रक के साथ विद्युत धारा, विभवान्तर और प्रतिरोध को परिभाषित करें, और इनमें संबंध नियम की व्याख्या के साथ स्थापित करें।

उत्तर ⇒ विद्युत धारा – विद्युत धारा का S.I. मात्रक एम्पियर है । किसी चालक के अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल से प्रति सेकेण्ड होने वाली आवेश की मात्रा एक कूलॉम हो तो विद्युत धारा 1 एम्पियर कहलाती है।

1 A

विभवांतर – विभवांतर का S.I. मात्रक वोल्ट (V) है ।
किसी धारावाही विद्युत परिपथ के दो बिन्दुओं के बीच विद्युत विभवांतर को हम उस कार्य द्वारा परिभाषित करते हैं जो एकांक आवेश को एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक लाने में किया जाता है। 2 Aअत: जब 1 जल कार्य है जो एक कलॉम के आवेश को एक बिन्द से दूसरी बिन्दु पर ले जाए तो दोनों बिन्दुओं के बीच 1 वोल्ट विभवांतर होता है।
बिधुत धारा, विभवान्तर और प्रतिरोध में संबंध ओम के नियमानुसार स्थापित होता है। यदि किसी चालक की भौतिक अवस्थाएँ जैसेओम का नियम का सत्यापन ताप आदि में कोई परिवर्तन न हो तो उसके सिरों पर लगाया गया विभवान्तर उससे प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है।

V∝ I अथवा V = RI        जहाँ R एक नियतांक है।

ओम के नियम का सत्यापन – एक चालक, जैसे मैगनीज का प्रतिरोधी तार लेते हैं। इसके श्रेणीक्रम में सेलों की एक बैट्री, एमीटर, धारा नियंत्रक तथा कुंजी लगाते हैं। तार के सिरों पर एक वोल्टमीटर लगाते हैं, कुंजी लगाते ही पूरे परिपथ में विद्युत बहने लगती है। धारा (I) का मान एमीटर से तथा प्रतिरोधक के सिरों के बीच विभवान्तर (V) वोल्टमीटर से बढ़कर सारणी में लिख लिया जाता है। अब धारा नियंत्रक द्वारा परिपथ में बढ़ने वाली धारा का मान बदल-बदलकर हर बार एमीटर तथा  वोल्टमीटर से पाठ सारणी में लिख लेते हैं, और पाते हैं कि V तथा I में ग्राफ एक सरल रेखा होती है ।


Also Read : class 10th science Vidyut Dhara chapter 3 objective question answer for Matric exam 2022

क्लास 10th विज्ञान का महत्वपूर्ण प्रश्न विद्युत धारा चैप्टर का ऊपर दिया गया है जो क्लास 10th बोर्ड परीक्षा 2022 के लिए बहुत महत्वपूर्ण है class 10th science objective Question answer in hindi pdf download 

  1. विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) Vidyut Dhara ke chumbkiya Prabhav question answer in hindi pdf download
  2. ऊर्जा के स्रोत ( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न ) class 10th science Urja ke srot  question answer Matric exam 2022
  3. कार्बन तथा उसके यौगिक ( लघु उत्तरीय प्रश्न ) carbon tatha Uske yogik class 10th science question answer Bihar board Matric exam 2022
S.N Physics ( भौतिक विज्ञान ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1प्रकाश के परावर्तन तथा अपवर्तन
2मानव नेत्र तथा रंगबिरंगा संसार
3विधुत धारा
4विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव
5ऊर्जा के स्रोत
S.NChemistry ( रसायन विज्ञान ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1रासायनिक अभिक्रियाएं एवं समीकरण
2अम्ल क्षार एवं लवण
3धातु एवं अधातु
4कार्बन और उसके यौगिक
5तत्वों का वर्गीकरण
S.N Biology ( जीव विज्ञान ) दीर्घ उत्तरीय प्रश्न
1जैव प्रक्रम 
2नियंत्रण एवं समन्वय
3जीव जनन कैसे करते हैं
4अनुवांशिकता एवं जैव विकास
5हमारा पर्यावरण
6प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन